नयी दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के महासचिव पद पर दोबारा चुनाव की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को जेएनयू से रुख बताने को कहा। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने संयुक्त वाम गठबंधन की उम्मीदवार स्वाति सिंह द्वारा दायर याचिका पर विश्वविद्यालय के साथ ही उसकी चुनाव समिति शिकायत निवारण प्रकोष्ठ (जीआरसी) और निर्वाचित महासचिव प्रियांशी आर्य को नोटिस जारी किया। स्वाति सिंह ने इस पद के लिए नामांकन किया था लेकिन इस साल 22 मार्च को हुए चुनाव से कुछ घंटे पहले अधिकारियों ने उनके नामांकन को रद्द कर दिया था।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि महासचिव पद के लिए वैध उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम प्रकाशित होने के बावजूद स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के तर्क को नाकाम करते हुए चुनाव लड़ने का उनका अधिकार मनमाने ढंग से छीन लिया गया। याचिका में कहा गया है कि गत 21 मार्च को रात 10:00 बजे जीआरसी ने विकास पटेल (एबीवीपी सचिव) की एक शिकायत के आधार पर याचिकाकर्ता का नामांकन रद्द करने का आदेश जारी किया। चुनाव समिति ने बाद में एक आदेश पारित कर उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी।
याचिका में कहा गया है कि मतदान से लगभग 11 घंटे पहले और मतपत्र में उम्मीदवार का नाम दर्ज होने के बाद जीआरसी द्वारा कार्रवाई करना दुर्भावनापूर्ण कार्य है और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जेएनयूएसयू चुनाव लड़ने के याचिकाकर्ता के अधिकार को प्रभावित करता है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि जीआरसी का गठन कानूनों का उल्लंघन है और उसने लिंगदोह समिति की सिफारिशों का भी उल्लंघन किया है। मामले में अगली सुनवाई 29 मई को होगी।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common