अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में देशमुख के वकील की जमानत याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा की जमानत याचिका पर शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने याचिका पर नोटिस जारी किया और इस पर सुनवाई की अगली तारीख 27 सितंबर तय की। बंबई उच्च न्यायालय ने देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था और इसे कथित तौर पर बाधित करने के प्रयास के मामले में डागा को गिरफ्तार किया गया था।

डागा की ओर से उच्च न्यायालय में अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर पेश हुए।

यहां की विशेष सीबीआई अदालत ने आठ सितंबर को डागा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है और जांच के दौरान बरामद वस्तुएं उन्हें कथित अपराध से जोड़ती हैं।

विशेष न्यायाधीश विमल कुमार यादव ने कहा था कि आरोपी खुद वकील है और कानूनी प्रक्रिया से अच्छी तरह परिचित है। अदालत ने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर सकता है।

न्यायाधीश ने कहा था, ‘‘इसलिए तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए इस चरण में आरोपी की जमानत पर विचार नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘डागा गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।’’

सीबीआई ने उप निरीक्षक अभिषेक तिवारी और नागपुर के रहने वाले अधिवक्ता समेत अन्य लोगों के खिलाफ अनुचित लाभ लेने समेत कई आरोपों में मामला दर्ज किया था। प्रारंभिक जांच की एक रिपोर्ट लीक हो गई थी जिसमें कथित तौर देशमुख को क्लीन चिट दी गई थी और इस वजह से एजेंसी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।

सीबीआई ने जानकारी लीक होने के मामले की जांच शुरू की थी जिसमें पता चला कि प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों को प्रभावित किया गया है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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