अदालत ने यूएपीए मामले में न्यूजक्लिक के मानव संसाधन प्रमुख की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

नयी दिल्ली  दिल्ली उच्च न्यायालय ने गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के मानव संसाधन विभाग प्रमुख अमित चक्रवर्ती की जमानत याचिका पर शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।  चीन समर्थक दुष्प्रचार के लिए धन प्राप्त करने के आरोप में समाचार पोर्टल के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। 

चक्रवर्ती के वकील ने कहा कि मामले में आरोपपत्र पहले ही दायर किया जा चुका है और याचिकाकर्ता को सरकारी गवाह बनने के बाद अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में उद्धृत किया गया है। इसके बाद न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने आदेश सुरक्षित रख लिया। वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय के पास दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत चक्रवर्ती को जमानत देने का विवेकाधिकार है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील ने कहा कि अगर उन्हें (चक्रवर्ती को) राहत दी जाती है तो अभियोजन पक्ष को कोई आपत्ति नहीं है। चक्रवर्ती के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को निचली अदालत ने मामले में माफी दे दी है और वह जांच में सहयोग भी कर रहा है। जनवरी में निचली अदालत ने चक्रवर्ती को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति देते हुए माफ़ी दे दी थी। चक्रवर्ती ने दावा किया है कि उनके पास मामले के बारे में  महत्वपूर्ण जानकारी  है  जिसका वह दिल्ली पुलिस को खुलासा करना चाहते हैं। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को पिछले साल तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। ये दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

प्राथमिकी के मुताबिक   भारत की संप्रभुता में खलल डालने  और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए समाचार पोर्टल को चीन से बड़ी मात्रा में धन मिला। इसमें पुरकायस्थ पर यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को पटरी से उतारने लिए ‘पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म’ (पीएडीएस) नामक संगठन के साथ मिलकर साजिश रची। पुलिस के अनुसार  प्राथमिकी में नामजद संदिग्धों और डेटा विश्लेषण के बाद सामने आए नामों के संबंध में पिछले साल तीन अक्टूबर को दिल्ली में 88 स्थानों और अन्य राज्यों में सात स्थानों पर छापेमारी की गई थी।

न्यूजक्लिक के कार्यालयों और जांच के दायरे में आए पत्रकारों के आवासों से लगभग 300 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए थे। छापेमारी के बाद विशेष प्रकोष्ठ ने नौ महिला पत्रकारों समेत 46 लोगों से पूछताछ की थी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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