अमेजन और फ्यूचर उच्च न्यायालय से करें पहले सुनवाई का आग्रहः शीर्ष अदालत

नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को फ्यूचर समूह और अमेजन से पांच अप्रैल को दिल्ली उच्च न्यायालय से अमेजन की प्रवर्तन याचिकाओं पर पहले सुनवाई करने के लिये संयुक्त रूप से अनुरोध करने को कहा। अमेजन की ये याचिकाएं फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) की संपत्तियों के संरक्षण से भी जुड़ी है।

रिलायंस रिटेल के साथ एफआरएल के विलय संबंधी 24,500 करोड़ रुपये के सौदे को लेकर सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) में फ्यूचर रिटेल के खिलाफ अमेजन के मामला दायर करने के बाद दोनों के बीच विभिन्न मंचों पर मुकदमें चल रहे हैं।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने अमेजन और फ्यूचर ग्रुप से मंगलवार को संयुक्त रूप से दिल्ली उच्च न्यायालय में अर्जी लगाने को कहा, जिसमें एसआईएसी के समक्ष मध्यस्थता कार्यवाही शुरू करने को लेकर सहमति जताई गई हो। पीठ ने अमेरिकी कंपनी की याचिका पर आगे विचार के लिये छह अप्रैल की तारीख तय की।

उच्चतम न्यायालय दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच जनवरी के आदेश के खिलाफ अमेजन की अर्जी पर सुनवाई कर रहा है। उच्च न्यायालय ने रिलायंस रिटेल के साथ फ्यूचर रिटेल के विलय मामले में मध्यस्थता न्यायाधिकरण के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।

अमेजन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि वह अंतरिम आदेश का आग्रह कर रहे हैं ताकि बिग बाजार स्टोर सहित एफआरएल की संपत्तियों को सुरक्षित रखा जा सके। जब तक रिलायंस रिटेल के साथ एफआरएल के विलय को लेकर जारी विवाद पर मध्यस्थता केंद्र निर्णय नहीं कर देता, इसे सुरक्षित रखा जाना चाहिए।

इस पर पीठ ने उनसे कहा कि इस मामले को क्यों नहीं निपटा जा सकता। इस पर वकील ने कहा, ‘‘एकल न्यायाधीश प्रवर्तन याचिकाओं पर सुनवाई से मना कर रहे हैं और उनका कहना है कि अपील में प्राथमिकता अंतरिम राहत को दी जाती है।’’

एफआरएल के वकील हरीश साल्वे ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अमेजन ने मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष दो दिन तक अपनी बातें रखी थी।

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय से अमेजन की प्रवर्तन याचिकाओं पर पहले सुनवाई के लिये आग्रह किया जा सकता है।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘…. आपकी (एफआरएल) कंपनी के आवेदन को लेकर इंतजार किया जा सकता है और यह महत्वपूर्ण है कि पहले उनके (सुब्रमण्यम के) अंतरिम आवेदन पर विचार किया जाए।’’

इस पर साल्वे ने सहमति जतायी और कहा कि इस बारे में किसी आदेश की जरूरत नहीं है। वह अमेजन का समर्थन करेंगे और उच्च न्यायालय से आग्रह करेंगे अमेरिकी कंपनी की प्रवर्तन याचिकाओं पर पहले सुनवाई हो।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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