अमेरिका की ओर से प्रतिबंध हटाने के बाद ईरान कदम उठाने को तैयार: रूहानी

तेहरान, ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार को कहा कि अमेरिका द्वारा ईरान के खिलाफ लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बाद उनका देश विश्व शक्तियों के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते के उपायों के तहत कदम उठाने के लिए तैयार है।

आयरलैंड के विदेश मंत्री साइमन कोवेनी के साथ एक बैठक में रूहानी ने कहा, ‘‘अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाए जाने और दबाव की नीति छोड़े जाने के बाद ईरान परमाणु समझौते पर आधारित क्षतिपूर्ति उपायों को तुरंत शुरू करने और अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा के लिए तैयार है।’’

रूहानी ने ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले यूरोपीय देशों की आलोचना की और इसे समझौते के लिए उनकी प्रतिबद्धताओं पर उनकी निष्क्रियता करार दिया। उन्होंने कहा कि ईरान एकमात्र ऐसा देश है जिसने समझौते की अपनी प्रतिबद्धताओं को कायम रखा।

2018 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरानी परमाणु समझौते से अमेरिका को एकतरफा रूप से अलग कर लिया था। उक्त समझौते में तेहरान ने आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने पर सहमति व्यक्त की थी। जब अमेरिका ने कुछ प्रतिबंधों को फिर से लागू किया और अन्य प्रतिबंध भी लगाये तो ईरान ने परमाणु विकास को लेकर समझौते की सीमाओं को धीरे-धीरे छोड़ दिया।

परमाणु समझौते के कार्यान्वयन में आयरलैंड गणराज्य की भूमिका मध्यस्थ की है।

कोवेनी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समझौते से हटना एक गलती थी। उन्होंने कहा कि नया अमेरिकी प्रशासन समझौते पर लौटने के लिए दृढ़ हैं।

आयरलैंड के विदेश मंत्री साइमन कोवेनी के साथ एक बैठक में रूहानी ने कहा, ‘‘अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाए जाने और दबाव की नीति छोड़े जाने के बाद ईरान परमाणु समझौते पर आधारित क्षतिपूर्ति उपायों को तुरंत शुरू करने और अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा के लिए तैयार है।’’

रूहानी ने ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले यूरोपीय देशों की आलोचना की और इसे समझौते के लिए उनकी प्रतिबद्धताओं पर उनकी निष्क्रियता करार दिया। उन्होंने कहा कि ईरान एकमात्र ऐसा देश है जिसने समझौते की अपनी प्रतिबद्धताओं को कायम रखा।

2018 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरानी परमाणु समझौते से अमेरिका को एकतरफा रूप से अलग कर लिया था। उक्त समझौते में तेहरान ने आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने पर सहमति व्यक्त की थी। जब अमेरिका ने कुछ प्रतिबंधों को फिर से लागू किया और अन्य प्रतिबंध भी लगाये तो ईरान ने परमाणु विकास को लेकर समझौते की सीमाओं को धीरे-धीरे छोड़ दिया।

परमाणु समझौते के कार्यान्वयन में आयरलैंड गणराज्य की भूमिका मध्यस्थ की है।

कोवेनी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समझौते से हटना एक गलती थी। उन्होंने कहा कि नया अमेरिकी प्रशासन समझौते पर लौटने के लिए दृढ़ हैं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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