अमेरिका-जापान शिखर सम्मेलन से पहले चीन ने जापान को आगाह किया

बीजिंग, चीन के विदेश मंत्री ने अगले सप्ताह अमेरिका-जापान शिखर सम्मेलन से पहले चीन से मुकाबला करने के लिए अमेरिका के साथ संबंध बढ़ाने पर जापान को आगाह किया है।

चीनी विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार शाम को जापान के अपने समकक्ष को फोन कर कहा कि दोनों देश यह सुनिश्चित करें कि द्विपक्षीय संबंध प्रमुख देशों के बीच तथाकथित टकराव में शामिल नहीं हो।’’

मंत्रालय ने वांग के हवाले से कहा, ‘‘आशा है कि जापान एक स्वतंत्र देश होने के नाते चीन के खिलाफ पक्षपाती रवैया रखने वाले कुछ देशों के बहकावे में आने के बजाय उसके विकास को तटस्थ और निष्पक्ष रूप में देखेगा।’’

जापान, अमेरिका का करीबी मित्र है और वह दक्षिण एवं पूर्वी चीन सागर में चीन के सैन्य दबदबे और दावों को लेकर अमेरिकी चिंताओं का समर्थन करता है और इसके लिए अमेरिकी नौसेना अड्डों एवं वायुसेना अड्डों को अपने क्षेत्र से संचालन की अनुमति दी है। चीन में अपने कई बड़े कारोबार एवं निवेश हितों को रोकने के कारण वह अपने सबसे बड़े पड़ोसी देश की आलोचना का शिकार रहा है।

जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा 16 अप्रैल को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात के लिए वाशिंगटन जायेंगे। जनवरी में बाइडन के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद उनसे सुगा की यह पहली मुलाकात होगी।

बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उलट चीन से प्रतिस्पर्धा के लिए अमेरिकी तैयारियों के तहत यूरोपीय एवं एशियाई सहयोगियों से संबंध ठीक करने पर जोर दिया है।

जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी ने चीन के शिनजियांग क्षेत्र और हांगकांग में मानवाधिकार उल्लंघनों का मुद्दा उठाया है और ये देानों ही मुद्दे बाइडन के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने पूर्वी चीन सागर में जापान के नियंत्रण वाले द्वीपों पर चीन के दावों और उसकी मौजूदगी पर अपना विरोध दोहराया।

चीन के बयान के अनुसार वांग ने शिनजियांग और हांगकांग को चीन का आंतरिक मामला बताते हुए जापान के दखल का विरोध किया।

सुगा ने इस सप्ताह के शुरुआत में कहा था कि ताइवान भी एक संभावित मुद्दा है जिस पर जापान अमेरिका का समर्थन करेगा। चीन इस स्वायत्तशासी द्वीप को अपना प्रांत बताता है।

चीन ने हाल में प्रशिक्षण अभ्यास के लिए ताइवान के निकट के समुद्री क्षेत्र में अपने कुछ विमानों को भेजकर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को संकेत दिया।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: