आईटीबीपी ने एलएसी पर तैनात सैनिकों के लिए पूर्वोत्तर में पहला पर्वतीय-युद्ध प्रशिक्षण स्कूल बनाया

नयी दिल्ली, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात अपने सुरक्षा कर्मियों को पर्वतीय युद्ध प्रशिक्षण देने के लिए पूर्वोत्तर भारत में अपना पहला प्रशिक्षण केंद्र बनाया है।

जोशीमठ के पास औली में 1973-74 में पर्वतारोहण एवं स्कीइंग संस्थान (एम एंड एसआई) नामक अपने पहले स्कूल की स्थापना के लगभग पांच दशकों के बाद आईटीबीपी ने पूर्वोत्तर में इस तरह का पहला प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया है।

एम एंड एसआई उत्तराखंड की हिमालय पर्वतमाला में 9,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है और इसने आईटीबीपी, थलसेना, वायु सेना और हजारों अन्य सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षित किया है।

नया केंद्र दूरस्थ डोम्बांग में स्थापित किया गया है, जो एलएसी से सटा हुआ है। यह सिक्किम में 10,040 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। सिक्किम का 220 किलोमीटर हिस्सा एलएसी सटा हुआ है।

आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सिक्किम में प्रशिक्षण केंद्र की संकल्पना नए और पुराने सैनिकों को पर्वतीय युद्ध, चट्टान आरोहण, अत्यधिक ऊंचाई पर रहने के तौर-तरीकों और गश्त के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए की गई थी। पिछले कुछ वर्षों में चीनी सेना पीएलए और भारतीय सैनिकों के बीच बढ़ते टकराव को देखते हुए औली के अलावा एक और केंद्र की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।

उन्होंने कहा, ‘चीन के साथ सैन्य गतिरोध और सीमा विवाद के कारण चीनी कर्मियों के साथ लगातार टकराव की वर्तमान पृष्ठभूमि को देखते हुए नया प्रशिक्षण केंद्र बल के लिए महत्वपूर्ण है।’

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘इसका (सिक्किम केंद्र) का उद्घाटन पिछले साल सितंबर में आईटीबीपी के महानिदेशक संजय अरोड़ा ने किया था और इसकी प्रतिक्रिया अच्छी रही है क्योंकि 80 प्रशिक्षुओं वाले दो बैच पहले ही वहां से पास आउट हो चुके हैं।’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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