आवासीय विद्यालय कनाडा के औपनिवेशिक अतीत का हिस्सा हैं : ट्रूडो

टोरंटो, दो जून (एपी) कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को कहा कि देश के आदिवासी बच्चों के लिए आवासीय स्कूल उस औपनिवेशिक नीति का हिस्सा हैं, जिसे उनकी भाषा और संस्कृति को मिटाने के लिए बनाया गया था।

ट्रूडो ने कहा कि ब्रिटिश कोलंबिया के कमलूप्स में आदिवासियों के एक पूर्व आवासीय स्कूल में दफनाए गए 215 बच्चों के शव मिलने की घटना एक बड़ी त्रासदी का हिस्सा है।

ब्रिटिश कोलंबिया के सैलिश भाषा बोलने वाले एक समूह फर्स्ट नेशन की प्रमुख रोसेन कैसमिर ने कहा कि जमीन के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने वाले रडार की मदद से 215 बच्चों के शव मिले। इनमें कुछ तीन वर्ष की उम्र के बच्चों के शव हैं।

उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी क्षति है जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती और कैमलूप्स इंडियन रेजीडेंशियल स्कूल के दस्तावेजों में कभी इसका जिक्र नहीं किया गया।

ट्रूडो ने संसद में आपातकालीन बहस के दौरान कहा, ‘‘अतीत की त्रासदियों के लिए माफी मांग लेना काफी नहीं है। यह उन बच्चों के लिए काफी नहीं है, जिनकी मौत हुई है। यह उनके परिवारों, बचने वाले बच्चों और समुदायों के लिए पर्याप्त नहीं है। केवल अपने कदमों से हम बेहतर मार्ग को चुन सकते हैं।’’

ट्रूडो ने कहा, ‘‘बच्चों को कभी इन तथाकथित स्कूलों एवं ऐसे स्थानों में नहीं भेजा जाना चाहिए, जहां उन्हें उनके परिवारों और समुदायों से अलग कर दिया जाए, जहां उन्हें अकेलेपन से जूझना पड़े, जहां उन्हें अकल्पनीय उत्पीड़न सहना पड़ा हो। यह कनाडा की त्रुटि है।’’

कनाडा के किसी आवासीय स्कूल परिसर में दफन 200 से अधिक बच्चों के शव पाए जाने की घटना इस तरह की इकलौती घटना नहीं है। इस स्कूल को कभी कनाडा का सबसे बड़ा आवासीय विद्यालय माना जाता था।

इस घटना के सामने आने के बाद सामुदायिक नेताओं ने मांग की कि हर उस स्थान की जांच की जाए जहां कभी कोई आवासीय स्कूल रहा हो। इसी की पृष्ठभूमि में ट्रूडो ने यह टिप्पणी की।

गौरतलब है कि 19वीं सदी से 1970 के दशक तक फर्स्ट नेशन के 1,50,000 से अधिक बच्चों को कनाडाई समाज में अपनाने के कार्यक्रम के तौर पर सरकार के वित्त पोषण वाले ईसाई स्कूलों में पढ़ना होता था। उन्हें ईसाई धर्म ग्रहण करने के लिए विवश किया जाता और अपनी मातृ

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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