इंटरनेट कंपनियों के लिए सकारात्मक नियामक ढांचे की जरूरत: फेसबुक

नयी दिल्ली, भारत में फेसबुक के प्रमुख अजीत मोहन ने कहा कि इंटरनेट कंपनियों के लिए एक ‘‘दूरदर्शितापूर्ण और सकारात्मक नियामक ढांचे’’ की जरूरत है, और इस संगठन को ग्राहकों के डेटा के इस्तेमाल को लेकर अधिक पारदर्शी होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत में इंटरनेट की पहुंच बहुत तेजी से बढ़ी है और इस बढ़ी हुई पहुंच ने पूरी तरह से नए मॉडल का विकास किया, जैसा इतने कम समय में कोई दूसरा देश नहीं कर सका।

उन्होंने ने रायसीना डायलॉग में कहा कहा, ‘‘हमारा पक्के तौर पर मानना है कि इंटरनेट को नए नियमों की जरूरत है, न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में। हमने पर्याप्त स्पष्टता के अभाव में बहुत लंबे समय तक काम किया और यही वह क्षण है, जब हमें, विशेष रूप से लोकतांत्रिक समाजों को सोचना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि हम एक दूरदर्शितापूर्ण और सकारात्मक नियामक ढांचा तैयार कर सकते हैं।’’

फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मोहन ने कहा कि कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जिन पर नियामक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘एक मुद्दा पारदर्शिता का है। यह सुनिश्चित कीजिए कि डेटा का उपयोग कैसे किया जाएगा। इसके बारे में कंपनियों को अधिक पारदर्शी होना चाहिए। दूसरा मुद्दा एल्गोरिदम का है, और मशीनें लोगों के जीवन को कैसे नियंत्रित कर रही हैं, जिसके बारे में बहुत चिंताएं है।’’

मोहन ने कहा कि इस बारे में भी काफी चर्चाएं हुई हैं कि बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को डेटा के बड़े आकार से कैसे फायदा होता है।

शीर्ष कार्यकारी ने यह भी कहा कि ओपेन इंटरनेट एक ऐसा क्षेत्र हैं, जहां अमेरिका और भारत एक साथ काम कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि फेसबुक ऐसे लोगों और प्रणालियों में निवेश कर रहा है, जिससे नुकसानदेह कंटेंट को अपने प्लेटफार्म पर रोका जा सके और उपयोगकर्ताओं के पास व्यापक नियंत्रण हो।

फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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