इमरान की पार्टी पंजाब विधानसभा का ‘समानांतर’ सत्र बुलाएगी: रिपोर्ट

लाहौर, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करने के लिए पंजाब विधानसभा का ‘समानांतर’ सत्र बुलाने की योजना बनाई है और दावा किया है कि मरयम नवाज ‘चोरी के जनादेश’ के आधार पर मुख्यमंत्री निर्वाचित हुई हैं। यह जानकारी मंगलवार को जारी मीडिया रिपोर्ट में दी गयी है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी की 50- वर्षीया वरिष्ठ उपाध्यक्ष मरयम ने 220 वोट प्राप्त करने के साथ ही पाकिस्तान के सबसे अधिक आबादी वाले पंजाब प्रांत की पहली महिला मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रच दिया।

उन्होंने 71-वर्षीय खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) के राणा आफताब को हराया, जिन्हें कोई वोट नहीं मिला, क्योंकि उनकी पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार किया था। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व क्रिकेटर से नेता बने खान की पार्टी ने महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट सहित 250 सदस्यों के आंकड़े का दावा करने के बाद सोमवार को ‘समानांतर’ पंजाब विधानसभा का आह्वान किया। पीटीआई के केंद्रीय नेता शौकत बसरा ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री मरयम सहित पंजाब विधानसभा के आधे से अधिक निर्वाचित सदस्य ‘चोरी के जनादेश के आधार पर सदन में हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने दावा किया कि मरयम को लाहौर के पीपी-159 निर्वाचन क्षेत्र में पीटीआई-समर्थित उम्मीदवार मेहर शराफत ने हराया था। बसरा ने कहा कि पंजाब की नयी मुख्यमंत्री की जीत सुनिश्चित करने के लिए नतीजों में धांधली की गई। उन्होंने कहा कि मरयम ने ‘आठ फरवरी के बजाय नौ फरवरी को चुनाव जीता।’ उन्होंने कहा,‘‘पीएमएल-एन नेता कहते थे कि उन्होंने ताकतवर शक्तियों के साथ समझौता किया है, लेकिन वे पाकिस्तान के लोगों के साथ समझौता करने में विफल रहे।’’

पीटीआई नेता ने कहा, ”इस धांधली वाले चुनाव से अराजकता फैल जाएगी।” उन्होंने दावा किया कि प्रतिष्ठान अब भी पीटीआई संस्थापक खान से प्रधानमंत्री बनने का अनुरोध कर रहा है। बसरा ने कहा, ‘‘लेकिन श्री खान दृढ़ प्रतिज्ञ हैं कि प्रतिष्ठान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पीटीआई-समर्थित उम्मीदवारों को पाकिस्तान के लोगों द्वारा दिया गया जनादेश वापस किया जाए।’’ 

पार्टी ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री के तौर पर मरयम के चुनाव की आलोचना की और कहा कि उन्हें (मरयम को) चुनने के लिए सभी लोकतांत्रिक और संवैधानिक मानदंडों को कुचल दिया गया। एक बयान में पार्टी के प्रवक्ता ने दावा किया कि पुलिस ने पीटीआई के सदस्यों और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को विधानसभा में प्रवेश करने से रोकने के लिए विधानसभा के बाहर ‘‘कर्फ्यू लगा दिया।’’ इसमें दावा किया गया है कि एक ‘पराजित महिला’ को सत्ता में लाने के लिए ‘सार्वजनिक जनादेश की चोरी’ करके पंजाब विधानसभा की पवित्रता का उल्लंघन किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब के लोग ‘अपने जनादेश का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ पीटीआई समर्थित एसआईसी के कम से कम 103 निर्वाचित सदस्यों ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवार आफताब को व्यवस्था के प्रश्न पर बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद बहिर्गमन किया था।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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