इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए सब्सिडी, कर छूट महत्वपूर्ण: एथर एनर्जी

नयी दिल्ली, हीरो मोटोकॉर्प समर्थित इलेक्ट्रिक दोपहिया विनिर्माता एथर एनर्जी ने सोमवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए ‘फेम टू’ नीति के तहत सब्सिडी और कर छूट बेहद महत्वपूर्ण हैं।

कंपनी, जो दो स्कूटर – एथर 450एक्स और एथर 450 प्लस – का विपणन करती है, ने पीएलआई (उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन) योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) स्टार्टअप को शामिल करने की भी मांग की।

एथर एनर्जी के सह-संस्थापक और सीईओ तरुण मेहता ने एक बयान में कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में वृद्धि जारी है क्योंकि उपभोक्ताओं को ‘फेम टू’ सब्सिडी और कर छूट द्वारा दिए गए लाभों से फायदा मिलता है। उपभोक्ता की मांग को बनाए रखने और इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए, हमें उम्मीद है कि ‘फेम टू’ सब्सिडी वर्ष 2023 से आगे भी जारी रहेगी।’’

मेहता ने कहा कि वर्ष 2021 में, सरकार ने देश की विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने के लिए पीएलआई योजना सहित कई पहल शुरू कीं।

मेहता ने कहा, ‘‘हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहन परिवेश में स्टार्टअप कंपनियों की अधिकता है, और वे सामने आकर ईवी क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश पीएलआई योजना के लिए अयोग्य हैं।’’

उन्होंने कहा कि इस योजना को अधिक समावेशी बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि इससे स्टार्टअप उद्योग के लिए नए अधिक अवसर खोलने में मदद मिलेगी, ताकि इस क्षेत्र में विकास और नवाचार को बढ़ावा मिल सके।

उन्होंने कहा कि तेजी से ईवी अपनाने के लिए चार्जिंग बुनियादी ढांचे का विकास करना जरूरी है।

मेहता ने कहा, ‘‘सभी मौजूदा और आगामी आवास परियोजनाओं और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में अनिवार्य रूप से ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना सुनिश्चित करने की जबरदस्त आवश्यकता है।’’

मेहता ने कहा, ‘‘इसके अलावा, मौजूदा आवासीय क्षेत्रों, आवास परिसरों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापना को प्रोत्साहित करने से बुनियादी ढांचे की स्थापना में काफी मदद मिलेगी।’’

उन्होंने कहा कि प्रगतिशील नीतियों की पेशकश के साथ ही उनके तेज कार्यान्वयन से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने में मदद मिलेगी।

इस महीने की शुरुआत में हीरो मोटोकॉर्प ने एथर एनर्जी में 420 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने की घोषणा की थी।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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