उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु की लौटाई गई नीट सीटों से जुड़ी एक याचिका खारिज की

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें तमिलनाडु द्वारा लौटाई गयी राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) की सुपर-स्पेशियलिटी 2021 की 92 ‘इन-सर्विस कोटा सीट’ को बढ़ाई गई सीट में शामिल करने और उन्हें उन सभी उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश देने की मांग की गयी थी, भले ही वे पहले राउंड में शामिल क्यों न हुए हों।

न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि नौ मई को न्यायालय ने सभी खाली पड़ी सुपर-स्पेशियलिटी सीटों के लिए इस शर्त के साथ ‘मॉप-अप’ राउंड की मंजूरी दी थी कि यदि कोई चिकित्सक इसमें पहले शामिल हो चुका है, तो उसे फिर से शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।

पीठ ने कहा, ‘‘हम फैसले के खिलाफ नहीं जा सकते। जब खास निर्देश दिये गये हैं, तो हम (हस्तक्षेप) नहीं कर सकते….।’’

पीठ ने कहा, ‘‘हमें नहीं लगता कि इस अदालत द्वारा पारित फैसले के आलोक में हमें याचिकाकर्ता की ओर से व्यक्त की गई दलीलों पर आगे बढ़ना चाहिए….हमें यह कहते हुए जरा भी हिचक नहीं है कि याचिकाकर्ता इस दिशा में इस प्रकार का अनुरोध करने का हकदार नहीं है। कम शब्दों में कहें तो इस प्रकार की रिट याचिकाओं को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए और खारिज कर दिया जाना चाहिए।’’

शीर्ष अदालत कवियरासन एम पी एवं अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तमिलनाडु द्वारा लौटाई गईं नीट सुपर-स्पेशियलिटी 2021 की 92 ‘इन-सर्विस कोटा सीट’ को नयी जोड़ी गयी सीटों में में शामिल करने और उन्हें सभी उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश देने का अनुरोध किया था, भले ही वे पहले के राउंड में शामिल क्यों न हुए हों।

तमिलनाडु की ओर से पेश अधिवक्ता ने नौ मई 2022 को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि राज्य के इन-सर्विस कोटा की खाली 92 सीटों को इस वर्ष ‘ऑल इंडिया कोटा’ (एआईक्यू) को लौटाया जाएगा।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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