उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पांच शहरों में लॉकडाउन लगाने के निर्देश दिए

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के सबसे अधिक प्रभावित पांच शहरों- प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में 26 अप्रैल, 2021 तक के लिए लॉकडाउन लगाने का प्रदेश सरकार को सोमवार को निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने प्रदेश में पृथक-वास केंद्रों की स्थिति को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश पारित किया।

हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि वह अपने आदेश के जरिए इस राज्य में पूर्ण लॉकडाउन नहीं थोप रही है।

पीठ ने कहा, “हमारा विचार है कि मौजूदा समय के परिदृश्य को देखते हुए यदि लोगों को उनके घरों से बाहर जाने से एक सप्ताह के लिए रोक दिया जाता है तो कोरोना संक्रमण की श्रृंखला तोड़ी जा सकती है और इससे अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को भी कुछ राहत मिलेगी।”

उन्होंने कहा, “ इस प्रकार से हम प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर शहरों के संबंध में कुछ निर्देश पारित करते हैं और सरकार को तत्काल प्रभाव से इनका कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश देते हैं।”

अदालत ने कहा कि वित्तीय संस्थान और वित्तीय विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, औद्योगिक एवं वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों, आवश्यक सेवाओं (नगर निकाय के कार्य और सार्वजनिक परिवहन शामिल हैं) को छोड़कर सभी प्रतिष्ठान चाहे वह सरकारी हों या निजी, 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगे। हालांकि, न्यायपालिका अपने विवेक से कार्य करेगी।

अदालत ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दवा की दुकानों को छोड़कर किराने की दुकान और अन्य वाणिज्यिक दुकानें जहां तीन से अधिक कर्मचारी हैं, 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगी।

इसी तरह, सभी मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, रेस्तरां, खानपान की दुकानें 26 अप्रैल तक बंद रहेंगी। इसके अलावा, सभी धार्मिक स्थल इस दौरान बंद रहेंगे और विवाह को छोड़कर किसी भी सामाजिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

पीठ ने कहा कि विवाह के मामले में संबंधित जिलाधिकारी की अनुमति से 25 लोगों को एकत्रित होने की अनुमति दी जा सकती है। सब्जी और दूध बेचने वाले हॉकरों को सुबह 11 बजे तक ही सड़क पर वस्तुओं की बिक्री की अनुमति दी जाएगी और इन निर्देशों के पूरी तरह से अनुपालन में सड़कों पर लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित होगी। चिकित्सा मदद और आपात स्थिति में ही लोगों को बाहर निकलने की अनुमति होगी।

राज्य में लॉकडाउन के मुद्दे पर पीठ ने कहा, ‘ उक्त निर्देश पूर्ण लॉकडाउन के करीब नहीं हैं। हम इस बात से परिचित हैं कि लॉकडाउन लगाने से पहले सरकार को विभिन्न संभावनाएं देखनी होती हैं। हमारा विचार है कि यदि हम इस श्रृंखला को तोड़ना चाहते हैं तो कम से कम दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन लगाना आवश्यक है।’

अदालत ने कहा, ‘हम सरकार को कम से कम दो सप्ताह के लिए पूरे राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार करने का निर्देश देते हैं। इससे ना केवल इस वायरस के फैलने की श्रृंखला टूटेगी, बल्कि स्वास्थ्य कर्मियों को भी राहत मिलेगी।’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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