उपभोग की सतत पद्धति जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए जरूरी : भूपेंद्र यादव

नयी दिल्ली, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रविवार को कहा कि उपभोग और उत्पादन की सतत पद्धति जलवायु परिवर्तन संकट का हल करने के लिए जरूरी है।

वैश्विक पहल ‘‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली अभियान’’ (लाइफ-लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट मूवमेंट) की शुरूआत के अवसर पर मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह जरूरी है कि विश्व जलवायु परिवर्तन से निपटने के रास्ते न सिर्फ आधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिये बल्कि हमारी सामूहिक संस्कृति एवं परंपरा तथा ज्ञान के विवेक के साथ भी तलाशे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभियान की शुरूआत करते हुए दुनिया भर में व्यक्तियों, समुदायों और संगठनों को पर्यावरण जागरूक जीवन शैली अपनाने के लिए प्रभावित करने, साथ ही उनसे अनुरोध करने के क्रम में शिक्षाविदों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों आदि से विचारों और सुझावों को आमंत्रित करने के लिए ‘लाइफ ग्लोबल कॉल फॉर पेपर्स’ की भी पहल की।

भूपेंद्र ने कहा कि भारत एक ऐसी संवृद्धि के रास्ते पर चलने को प्रतिबद्ध है जो सतत विकास करता है । उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में सभी बड़े देशों की तुलना में भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ने में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की है।

उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा पीढ़ी को भविष्य की पीढ़ी के लिए समृद्ध प्राकृतिक खजाने का संरक्षण करना है। ’’

मंत्री ने कहा, ‘‘ यदि हम जलवायु परिवर्तन के संकट पर काम करते हैं तो उपभोग और उत्पादन की सतत पद्धति को हासिल करना जरूरी है। ’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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