एचएएल ने 208 करोड़ रुपये की लागत से रॉकेट इंजन निर्माण केंद्र की स्थापना की

बेंगलुरु, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने 208 करोड़ रुपये की लागत से यहां एकीकृत क्रायोजेनिक इंजन निर्माण केंद्र (आईसीएमएफ) की स्थापना है, जिससे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के लिए एक ही स्थान पर पूरे रॉकेट इंजन के उत्पादन किया जा सकेगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को स्वदेशी आईसीएमएफ का उद्घाटन करेंगी। केंद्र का निर्माण 4,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया गया है। यहां भारतीय रॉकेटों के क्रायोजेनिक (सीई20) और सेमी-क्रायोजेनिक (एसई2000) इंजनों के निर्माण के लिए 70 उन्नत उपकरण और परीक्षण सुविधाएं होंगी।

साल 2013 में, एचएएल की अंतरिक्ष विज्ञान डिवीजन में क्रायोजेनिक इंजन मॉड्यूल का निर्माण केंद्र स्थापित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे, और बाद में 2016 में इसमें संशोधन कर 208 करोड़ रुपये के निवेश के साथ आईसीएमएफ की स्थापना का लक्ष्य रखा गया।

बेंगलुरु में स्थित एचएएल ने सोमवार को एक बयान में कहा कि विनिर्माण और ‘असेंबलिंग’ की आवश्यकता के लिए सभी महत्वपूर्ण उपकरणों को प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके अलावा निर्माण पूर्व गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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