एनटीपीसी की राख के इस्तेमाल पर नये विचारों को लेकर प्रतियोगिता की घोषणा

नयी दिल्ली, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी ने कोयला बिजली घरों से निकलने वाली राख (फ्लाई ऐश) के बेहतर इस्तेमाल को लेकर नये विचारों को आमंत्रित करते हुये एक प्रतियोगिता की घोषणा की है।

कंपनी की विज्ञप्ति के अनुसार इस प्रतियोगिता का मकसद उसके बिजली कारखानों से निकलने वाली शत प्रतिशत राख के इस्तेमाल के बारे में नये विचारों को सामने लाना है।

यह प्रतियोगिता 20 अप्रैल को शुरू होकर 19 मई 2021 को बंद हो जायेगी।

इस प्रतियोगिता अभियान के जरिये एनटीपीसी अपने कर्मचारियों के साथ साथ आम जनता को भी राख के उड़ने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने के लिये नये विचारों के योगदान के लिये प्रेरित करना है।

एनटीपीसी ने इस प्रतियोगिता के लिये कुल 12 लाख रुपये का पुरस्कार रखा है जिसमें पहले विजेता को पांच लाख रुपये दिये जायेंगे।

एनटीपीसी की चिंता उसके कोयला बिजली घरों से निकलने वाली राख के टिकाऊ इस्तेमाल को लेकर है। वह चाहती है कि इसके इस्तेमाल का कोई टिकाऊ निदान देने वाला विचार उसके सामने आये।

एनटीपीसी के संयंत्रों से निकलने वाली राख का इस्तेमाल वैसे सीमेंट, कंक्रीट, कंक्रीट के उत्पाद, सेल्यूलर कंक्रीट उत्पादों, ईंट, ईंट के ब्लाक, टाइल बनाने में किया जा रहा है।

एनटीपीसी ने अपने कोयला आधारित बिजलीघरों में सूखी राख की उपलब्धता के लिये भंडारण प्रणाली स्थापित की है। फ्लाईऐश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुरक्षित तरीके से ले जाने के लिये एनटीपीसी रेलवे नेटवर्क का इसतेमाल करती है।

एनटीपीसी के देशभर में 70 बिजली घर है, इनमें 26 नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनायें है। इनकी कुल 65,825 मेगावाट बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता है। कंपनी के 18 गीगावाट उत्पादन क्षमता की परियोजनायें निर्माणाधीन हैं जिसमें से पांच गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनायें हैं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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