एफएटीएफ ‘ग्रे सूची’ से बाहर निकलने के लिए पाक अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने को प्रतिबद्ध: बिलावल

इस्लामाबाद, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने रविवार को कहा कि उनका देश आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने और धनशोधन रोधी अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

वैश्विक धनशोधन और आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाली पेरिस स्थित संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान उसकी ‘ग्रे लिस्ट’ में बना रहेगा।

इसने कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के वास्ते सुधार कार्यान्वयन को सत्यापित करने के लिए स्थलों का दौरा किए जाने के बाद पाकिस्तान का नाम इस सूची से हटाया जा सकता है।

बिलावल ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान सरकार संबंधित अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संबंधित स्थल दौरे और प्रक्रिया के सफल होने को लेकर उत्सुक है, जिससे कि वह एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर हो सके।

पाकिस्तान धनशोधन, आतंकी वित्तपोषण को रोकने में विफल रहने के कारण जून 2018 से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है। उसे सुधार कार्य को पूरा करने के लिए अक्टूबर 2019 तक की कार्य योजना दी गई थी।

लगातार ‘ग्रे लिस्ट’ में बने रहने के कारण पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से वित्तीय सहायता मिलना मुश्किल हो गया है, जिससे देश के लिए समस्याएं खड़ी हो रही हैं।

एफएटीएफ में वर्तमान में 39 सदस्य हैं जिनमें दो क्षेत्रीय संगठन- यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद शामिल हैं। भारत एफएटीएफ के परामर्श और एशिया प्रशांत समूह का सदस्य है।

यह संस्था एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसकी स्थापना 1989 में वैश्विक स्तर पर धनशोधन, आतंकवादी वित्तपोषण को रोकने और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से संबंधित अन्य खतरों से निपटने के लिए की गई थी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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