एससीओ देशों को न्यायिक सहयोग के लिए प्रयास करना चाहिए : प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़

नयी दिल्ली, भारत के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों को न्यायिक सहयोग के लिए प्रयास करना चाहिए ताकि आम लोगों के लिए उनकी न्यायिक प्रणाली को और अधिक सुलभ बनाया जा सके।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोजित एससीओ सदस्य देशों के सर्वोच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों/अध्यक्षों की 18वीं बैठक में अपने समापन भाषण में सीजेआई चंद्रचूड़ ने अदालती प्रक्रियाओं को सरल और अधिक सुलभ बनाने के लिए सामूहिक रूप से नए तंत्र को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने एससीओ सदस्य देशों में न्यायिक प्रणाली के सामने आने वाली कई चुनौतियों पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे सम्मेलन ने सभी सदस्य और पर्यवेक्षक देशों को उन चुनौतियों पर विचार करने की अनुमति दी जो उनके अधिकार क्षेत्र के लिए आम हैं।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इन मुद्दों को आपसी सहयोग और अनुभवों और ज्ञान को साझा करके सुलझाया जाना चाहिए।

शीर्ष अदालत द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि समापन पर संबंधित देशों की न्यायपालिका के भविष्य के लिए कई साझा लक्ष्यों पर सहमति जताई गई। बयान में कहा गया कि उज्बेकिस्तान को सामूहिक रूप से वर्ष 2024 के लिए नियमित आवर्तन आधार पर मुख्य न्यायाधीशों/अध्यक्षों की अगली बैठक के लिए अध्यक्षता सौंपी गई।

सदस्य देशों के बीच प्रभावी न्यायिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 10-11 मार्च को प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में नई दिल्ली में दो दिवसीय बैठक आयोजित की गई थी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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