ओएनजीसी ने केजी ब्लॉक में विदेशी कंपनियों को हिस्सेदारी की पेशकश की

नयी दिल्ली, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) लिमिटेड ने केजी बेसिन में गहरे समुद्र वाली गैस खोज और उच्च-दाब, उच्च-तापमान वाले ब्लॉकों में विदेशी कंपनियों को हिस्सेदारी की पेशकश की है।

ओएनजीसी को मुश्किल क्षेत्रों में उत्पादन के लिए वित्तीय और तकनीकी मदद की तलाश है, जिसके चलते यह पेशकश की गई है।

ओएनजीसी ने दीन दयाल वेस्ट (डीडीडब्ल्यू) ब्लॉक के साथ ही केजी-डी5 ब्लॉक के क्लस्टर-3 में गहरे समुद्र में की गई खोजों के विकास में शामिल होने के लिए ‘‘अपेक्षित तकनीकी विशेषज्ञता और वित्तीय क्षमता’’ वाली बड़ी वैश्विक कंपनियों को आमंत्रित करते हुए एक शुरुआती निविदा निकाली है।

कंपनी द्वारा जारी निविदा के मुताबिक, 16 जून तक अभिरुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए गए हैं।

ओएनजीसी ने केजी-डी5 ब्लॉक में 2,850 मीटर (लगभग तीन किलोमीटर) की गहराई में गैस खोज की थी, जिसे यूडी-1 नाम दिया गया। इसके अलावा ओएनजीसी ने अगस्त 2017 में गुजरात सरकार की कंपनी जीएसपीसी से डीडीडब्ल्यू ब्लॉक में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके लिए 7,738 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।

ओएनजीसी के पास यूडी खोज को विकसित करने के लिए जरूरी तकनीक विशेषज्ञता नहीं है। यह खोज तट से लगभग 150 किलोमीटर दूर है। दूसरी ओर उसे डीडीडब्ल्यू ब्लॉक में भी ज्यादा सफलता नहीं मिली है, क्योंकि यहां भंडार उच्च दाब तथा उच्च तापमान (एचपीएचटी) के बीच स्थित है।

कंपनी ने हालांकि यह नहीं बताया कि वह कितनी इक्विटी हिस्सेदारी की पेशकश करेगी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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