कई मामलों में भारत के सकारात्मक योगदान के कारण उस पर पहले से कहीं अधिक भरोसा : संरा उप महासचिव

संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस साल अंतरराष्ट्रीय समुदाय कोविड-19 टीकों से लेकर जलवायु परिवर्तन और शांति रक्षा मिशनों तक कई मामलों में भारत के सकारात्मक योगदान के कारण उस पर पहले से कहीं अधिक भरोसा करता है।

संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2021 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए भारत द्वारा अपने नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ाने और उसके जलवायु कार्रवाई लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों की सराहना की।

मोहम्मद ने कहा, ‘‘ भारत जी-20 में शामिल एकलौता ऐसा देश है, जो राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के उद्देश्यों को बेहतरीन तरीके से हासिल करेगा। अभी तक काफी कुछ हासिल कर भी लिया है।’’

साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘ इस साल अंतरराष्ट्रीय समुदाय कोविड-19 टीकों से लेकर जलवायु परिवर्तन और शांति रक्षा मिशनों तक कई मामलों में भारत के सकारात्मक योगदान के कारण उस पर पहले से कहीं अधिक भरोसा करता है।’’

उत्तरी भारत के उत्तराखंड राज्य में रविवार को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ़ में हताहत हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मोहम्मद ने अपने संबोधन की शुरुआत की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ जलवायु परिवर्तन हमारी दुनिया को अस्थिर कर रहा है और परिणाम अक्सर भयानक होते हैं। उत्तराखंड के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्‍यम से ‘विश्‍व सतत विकास शिखर सम्‍मेलन-2021’ उद्घाटन किया था।

इस शिखर सम्‍मेलन का मुख्‍य विषय ‘‘सबके लिए सुरक्षित और संरक्षित पर्यावरण और हमारा साझा भविष्‍य’’ है।

मोदी ने अपने संबोधन में ‘‘जलवायु न्याय’’ को जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने की राह करार दिया था।

सतत विकास की दिशा में लीक से हटकर काम किए जाने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में भारत अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में सही रास्ते पर है।

मोदी ने कहा कि भारत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की उत्‍सर्जन तीव्रता वर्ष 2005 के स्‍तर से 33 से 35 प्रतिशत कम करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने उत्‍सर्जन तीव्रता 24 प्रतिशत कम करने में सफलता प्राप्‍त कर ली है।

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी ने शुरुआत से ही जलवायु परिवर्तन पर “सक्रिय, प्रभावशाली” भूमिका निभाने के लिए भी भारत की सराहना की।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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