यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की आरक्षित सूची प्रतीक्षा सूची नहीं है: जितेंद्र सिंह

नयी दिल्ली, कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों की घोषणा किये जाने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा जारी की जाने वाली आरक्षित सूची एक नियमित प्रक्रिया है और यह प्रतीक्षा सूची नहीं है।

उन्होंने कहा कि आरक्षित (रिजर्व) सूची जारी करने की व्यवस्था 2003 में शुरू की गई थी। सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘आरक्षित सूची, प्रतीक्षा सूची नहीं है। यह एक नियमित प्रक्रिया है। ’’

मंत्री ने कहा, ‘‘इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए पूर्व में उच्चतम न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई थी। शीर्ष न्यायालय ने 2010 के अपने एक फैसले में इसे बरकरार रखा था।’’

उन्होंने बृहस्पतिवार को राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि परीक्षा प्रक्रिया संपन्न होने के बाद सिविल सेवा परीक्षा (सीसीई) के परिणाम की घोषणा करने और विभिन्न सेवाओं के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करने के दौरान आयोग सभी श्रेणियों में कुल रिक्तियों पर गौर करता है।

उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा 2019 के मामले में भी इसका पालन किया गया। इस परीक्षा के परिणाम पिछले साल चार अगस्त को घोषित किये गये थे, जिसमें 829 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया था।

सिंह ने कहा कि इसके बाद कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से और सफल उम्मीदवारों की सूची के लिए अनुरोध प्राप्त होने के बाद इस साल चार जनवरी को यूपीएससी ने सम्मिलित आरक्षित सूची से 89 और उम्मीदवारों की सिफारिश करते हुए एक सूची जारी की।

गौरतलब है कि मंत्री से यह सवाल किया गया था कि क्या यह सच है कि सिविल सेवा परीक्षा, 2019 के परिणाम दो बार जारी किये गये। साथ ही, अन्य सवाल भी किये गये थे।

आयोग भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) सहित अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन करने को लेकर हर साल यह परीक्षा आयोजित करता है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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