कर्नाटक : यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद मंत्री जारकिहोली ने इस्तीफा दिया

बेंगलुरु, कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री रमेश जारकिहोली ने अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद बुधवार को पद से इस्तीफा दे दिया।

विपक्ष और समाज के विभिन्न धड़े मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। मंत्री के खिलाफ आरोप से सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा हो गयी है।

मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को भेजे त्यागपत्र में जारकिहोली ने कहा है, ‘‘मेरे खिलाफ लगे आरोपों में सच्चाई नहीं है। जल्द से जल्द इसकी जांच होनी चाहिए।’’

जारकिहोली ने कहा, ‘‘मुझे अपनी बेगुनाही पर भरोसा है लेकिन नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैं कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। आपसे अनुरोध है कि इसे स्वीकार लें।’’

सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश कल्लाहल्ली ने मंगलवार को जारकिहोली के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए नौकरी मांगने वाली एक लड़की का उत्पीड़न करने और उसे तथा उसके परिवार को बुरा परिणाम भुगतने की चेतावनी देने का आरोप लगाया।

किसी अज्ञात महिला के साथ अंतरंग होने के कथित वीडियो क्लिप के सामने आने के एक दिन बाद जारकिहोली ने त्यागपत्र दिया है। कन्नड़ समाचार चैनलों ने ‘सेक्स फॉर जॉब’ मामला बताते हुए इस क्लिप का प्रसारण किया था।

सूत्रों के मुताबिक जारकिहोली ने पार्टी आलाकमान के निर्देश के बाद अपना त्यागपत्र भेजा।

बताया जाता है कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी अरूण सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने बुधवार सुबह आरोपों और सीडी के संबंध में चर्चा की और दूसरे राज्यों में विधानसभा चुनाव और राज्य में पंचायत चुनाव के मद्देनजर प्रदेश नेतृत्व को पार्टी के फैसले से अवगत करा दिया।

राज्य विधानसभा के बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के पहले मंत्री के खिलाफ इस तरह के आरोप लगना बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के लिए शर्मिंदगी का कारण बना है।

मुख्यमंत्री ने रमेश के भाई और अराभावी के विधायक बालाचंद्र जारकिहोली को बुलाया और फैसले के बारे में अवगत कराया।

आरोपों पर रमेश ने मंगलवार रात कहा था कि वह हैरान हैं और वीडियो शत-प्रतिशत फर्जी है। उन्होंने जांच की मांग करते हुए कहा था कि अगर वह गलत साबित हुए तो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और राजनीति से संन्यास ले लेंगे।

राज्य में विपक्षी कांग्रेस और जद (एस) भी मंत्री के तुरंत इस्तीफे की मांग कर रही थी।

सूत्रों के मुताबिक येदियुरप्पा ने कथित तौर पर जारकिहोली को आश्वस्त किया कि अगर उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए तो उन्हें फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।

ऐसी भी खबरें आयी कि रमेश जारकिहोली से वादा किया गया है कि उनके स्थान पर बालाचंद्र जारकिहोली को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।

हालांकि बालाचंद्र ने स्पष्ट किया कि इस्तीफे के लिए कोई शर्त नहीं रखी गयी।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने रमेश का त्यागपत्र राज्यपाल के पास भेज दिया है। जांच में रमेश बेकसूर साबित होंगे।

इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने कहा था, ‘‘अगर उस पार्टी (भाजपा) में जरा भी शर्म है और अगर वह मानवीय मूल्यों का सम्मान करती है तो उसे (मंत्री का) इस्तीफा लेना चाहिए।’’

विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘अगर सरकार को जरा भी शर्म है तो उसे तुरंत इस्तीफा लेना चाहिए और तत्काल प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए।’’

पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि और ज्यादा विवरण जुटाने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी और वे महिला से भी पूछताछ करेंगे।

गोकक से विधायक रमेश जारकिहोली पहले कांग्रेस में थे। राज्य में कांग्रेस-जद(एस) सरकार को गिराने और भाजपा के सत्ता में आने में रमेश जारकिहोली की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।

इस्तीफे की खबरें आने के बाद गोकक में जारकिहोली के समर्थकों ने प्रदर्शन भी किया।

जांच के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा कि पुलिस, शिकायत के आधार पर कानून के तहत जांच कर रही है।

बहरहाल, पुलिस ने कहा कि जांच के तहत कल्लाहल्ली को बृहस्पतिवार को पेश होने के लिए तलब किया गया है।

कार्यकर्ता को क्यूबन पार्क थाने में जांच अधिकारी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया है। इसी थाने में कल्लाहल्ली ने पूर्व मंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikipedia

%d bloggers like this: