किसान आंदोलन: केंद्र ने ‘असंवेदनशीलता’ की सभी सीमाएं पार की: शैलजा

चंडीगढ़, हरियाणा कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा ने सोमवार को यह कहते हुए केंद्र पर निशाना साधा कि किसान हफ्तों से कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनकी पीड़ा से उस पर कोई असर नहीं पड़ा है।

शैलजा ने दावा किया कि 30 से अधिक प्रदर्शनकारी किसानों की मृत्यु हो गई है, लेकिन इस सबका भाजपा सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, जिसने ‘‘असंवेदनशीलता की सभी सीमाएं पार कर ली हैं।’’

उन्होंने यहां एक बयान में कहा, ‘‘भाजपा सरकार का रवैया हमें अंग्रेजों द्वारा देश के लोगों के खिलाफ किए गए जुल्म की याद दिलाता है।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया, ‘‘30 से अधिक किसान अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं, जिसके लिए भाजपा सरकार सीधे जिम्मेदार है। निर्दयी भाजपा सरकार अपने अहंकार में डूबी हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार का यह क्रूर चेहरा देश के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।’’

किसान संगठनों ने दावा किया है कि 30 से अधिक प्रदर्शनकारी किसानों की दिल का दौरा पड़ने और सड़क दुर्घटनाओं सहित विभिन्न कारणों से मृत्यु हो गई है।

शैलजा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच, किसानों को अपने घरों, परिवारों को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर बैठने के लिए मजबूर किया गया है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा सरकार किसानों के अधिकारों को छीनना चाहती है और कृषि अर्थव्यवस्था को बड़े पूंजीपतियों को सौंपना चाहती है। सरकार का इरादा और नीति कुछ औद्योगिक घरानों के लाभ के लिए देश की अर्थव्यवस्था का दोहन करना है।’’

कुमारी शैलजा ने आरोप लगाया कि हरियाणा में भाजपा सरकार ने किसानों को बांटने के लिए सतलुज-यमुना लिंक नहर का मुद्दा किसानों के बीच उठाना शुरू किया है, जिसे वे समझ गए हैं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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