केरल में बाढ़ की विभीषिका के बीच संचार दुरुस्त रखने के लिए तैयार हैं हैम रेडियो संचालक

त्रिशूर, मध्य केरल में लगातार हो रही बारिश और उसके कारण आई बाढ़ से उपजी विपदा के बीच ‘हैम रेडियो’ चलाने वाले लोगों ने त्रिशूर जिले में बिना शोर-शराबे के अपना काम शुरू कर दिया है। इस आशंका से हैम रेडियो स्टेशन बनाये गए हैं कि यदि प्राकृतिक आपदा के कारण संचार के पारंपरिक माध्यम काम करना बंद देते हैं तो ऐसी स्थिति में हैम रेडियो के जरिये संपर्क बरकरार रखा जा सकेगा।

त्रिशूर जिला प्रशासन ने बारिश के कारण संचार व्यवस्था ठप होने की स्थिति में राहत कार्यों में समन्वय के लिए हैम रेडियो संचालकों का सहारा लेने की बात कही है।

मर्चेंट नेवी के पूर्व अधिकारी और हैम रेडियो संचालक सारचन्द्रन सी एस ने पीटीआई-भाषा से कहा, “प्राकृतिक आपदा के समय संचार व्यवस्था को दुरुस्त रखना एक बड़ी चुनौती होती है। भारी बाढ़ के समय कई दिनों के लिए बिजली आपूर्ति बाधित रहने की आशंका बनी रहती है जिससे मोबाइल फोन समेत संचार व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।”

उन्होंने कहा कि यह मूल रूप से एक शौकिया और अव्यवसायिक रेडियो सेट है जिसका उपयोग संदेशों के गैर-व्यावसायिक आदान-प्रदान, निजी मनोरंजन, आत्म-प्रशिक्षण, आपातकालीन संचार आदि के लिए किया जाता है।

सारचन्द्रन उन 10 हैम रेडियो संचालकों में से एक हैं जिन्हें त्रिशूर जिला प्रशासन ने आपातकालीन स्थिति में संचार व्यवस्था संभालने के लिए नियुक्त किया है। सभी संचालकों को केंद्र सरकार से ‘एमैच्योर स्टेशन इंडिविजुअल ऑपेरटर’ लाइसेंस जारी किया गया है।

त्रिशूर जिले के सभी तालुका कार्यालय फिलहाल रेडियो सुविधा से जुड़े हैं ताकि संचार के सभी माध्यमों के ठप होने की स्थिति में आपातकालीन सेवाओं से संपर्क किया जा सके और जानकारी साझा की जा सके। वर्ष 2018 में आई बाढ़ के दौरान भी हैम रेडियो संचालकों की सेवा ली गई थी।

सारचन्द्रन ने कहा, “राज्य में बाढ़ की स्थिति थी, इसलिए ज्यादातर इलाकों में बिजली नहीं थी। इससे मोबाइल से संपर्क करना संभव नहीं था। जिला प्रशासन ने हमारी सेवा मांगी। 40 से ज्यादा हैम रेडियो संचालकों ने काम किया और उस साल लगभग दो हजार लोगों की सहायता की।”

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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