कोरोना वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर दुनियाभर में यात्रा पाबंदियां कड़ी की गईं

हांगकांग, कोरोना वायरस के चिंताजनक नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ को नियंत्रित करने के लिये दुनियाभर में यात्रा पाबंदियों को कड़ा किया जा रहा है। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी रविवार को दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों की और कड़ी निगरानी में जांच करते दिखे ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं वे अपने साथ ओमीक्रोन संक्रमण तो नहीं ला रहे।

ऑस्ट्रेलिया के पड़ोसी देश न्यूजीलैंड ने नए स्वरूप से पैदा हुए खतरे के चलते नौ दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रियों के आने पर पाबंदी लगाने की घोषणा की है, जबकि जापान ने भी पाबंदियां कड़ी करने का ऐलान किया है।

पर्यटन पर निर्भर देश थाईलैंड ने अफ्रीका के आठ देशों से यात्रियों की आमद पर पाबंदी लगा दी है। थाईलैंड ने अपनी कड़ी सीमा पाबंदियों में हाल में ढील देनी शुरू की थी, ताकि विभिन्न देशों से लोग पर्यटन के लिए आ सकें।

व्यापारिक केंद्र माने जाने वाले सिंगापुर में भी ऐसी ही पाबंदियां लागू की गई हैं। सिंगापुर ने हाल में दक्षिणी अफ्रीका के सात देशों की यात्रा करने वालों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।

ओमीक्रोन स्वरूप के प्रसार की रोकथाम के लिये दुनिया के अन्य क्षेत्रों में लगाई जा रहीं पाबंदियों का प्रभाव एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है। कुछ दिन पहले दक्षिण अफ्रीका में अनुसंधानकर्ताओं ने ओमीक्रोन स्वरूप की पहचान की थी। इस स्वरूप को बेहद संक्रामक माना जा रहा है।

हालांकि, अभी इस स्वरूप के बारे में काफी कुछ पता लगाया जाना बाकी है, लेकिन अनुसंधानकर्ता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यह टीकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा का काफी मजबूती से सामना कर सकता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि महामारी अपेक्षा से अधिक समय तक बरकरार रख सकती है।

कई महाद्वीपों में ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमित होने के मामलों की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। जर्मनी, इटली, बेल्जियम, इजराइल और हांगकांग में भी इसके मामले सामने आए हैं।

अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने कहा कि इसमें हैरान होने की कोई बात नहीं है कि अमेरिका में भी ओमीक्रोन स्वरूप पहले से ही मौजूद था।

फाउची ने एनबीसी टेलीविजन से कहा, ‘हमें अभी इसके मामले सामने आने की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन इस तरह के वायरस का संक्रमण हर जगह फैलने की आशंका बनी रहती है।’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images

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