‘खुशकिस्मत’ सिद्धरमैया पुराने दिग्गजों को पछाड़कर दो बार सीएम बने : रायरेड्डी

कोप्पल/बेंगलुरु, तीन अगस्त (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बसवराज रायरेड्डी ने टिप्पणी की है कि कुछ नेताओं के राजनीतिक भविष्य को आकार देने में किस्मत की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का उदाहरण दिया, जो पार्टी में शामिल होने के बाद ‘पुराने दिग्गजों को पीछे छोड़कर’ मुख्यमंत्री बन गए। रायरेड्डी ने यह भी कहा कि उनसे (रायरेड्डी से) बहुत कनिष्ठ लोग मंत्री बन गए हैं। उनकी यह टिप्पणी उस वक्त आई है, जब सत्ताधारी पार्टी के भीतर असंतोष की खबरें लगातार आ रही हैं। हाल ही में 30 से अधिक विधायकों ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों के सही से कार्यान्वयन न होने और कुछ मंत्रियों के कामकाज को लेकर रोष प्रकट किया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, रायरेड्डी भी पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल हैं। रायरेड्डी ने टिप्पणी की, ‘‘लालकृष्ण आडवाणी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को खड़ा किया, लेकिन मोदी प्रधानमंत्री बन गए। कभी-कभी भाग्य ऐसे कुछ लोगों के पक्ष में होता है। सिद्धरमैया को देखें; कांग्रेस में आने के बाद वह दो बार मुख्यमंत्री बन गए। कांग्रेस में पुराने नेताओं को क्या सोचना चाहिए? यह सब एक व्यक्ति विशेष का (अच्छा) समय है।’’ कोप्पल में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग मेरे पीछे-पीछे चलते थे, वे मंत्री बन गए। उनमें से लगभग 20 मंत्रियों के पिता के साथ मैं विधायक था, लेकिन आज वे मेरे सामने अहंकार दिखाते हैं। मैं बोम्मई (बसवराज बोम्मई) के पिता (एसआर बोम्मई) के साथ विधायक और सांसद रहा। जब मैं देवेगौड़ा के मंत्रिमंडल में मंत्री था, तब कुमारस्वामी मेरे बगल में खड़े होने से डरते थे। क्या करें? उनके भाग्य में (मुख्यमंत्री बनना) लिखा था।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘बहुत से लोग (सरकार का हिस्सा होने का) अवसर नहीं पा सकेंगे, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि (जो अवसर पाते हैं) वे महान हैं और हम लोग कमजोर।’’ सिद्धरमैया पहले जनता दल और जनता दल (एस) के साथ थे और 2006 में कांग्रेस में शामिल हो गए। वही, पूर्व मंत्री रायरेड्डी भी पहले जनता दल में ही थे। क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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