क्वीटो (इक्वाडोर), इक्वाडोर में दक्षिणपंथी ‘क्रिएटिंग ऑपरच्यूनिटीज’ पार्टी के उम्मीदवार गुइलेर्मो लासो को राष्ट्रपति चुना गया है और निकटवर्ती देश पेरू में 18 में से किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक मत नहीं मिले, जिसके कारण अब शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा।
दोनों दक्षिण अमेरिकी देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर कड़े जन स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए रविवार को मतगणना हुई।
इक्वाडोर में पूर्व बैंकर लासो ने अपने प्रतिद्वंद्वी एवं निवर्तमान राष्ट्रपति आंद्रेस अराउज को कड़े मुकाबले में हराकर जीत हासिल की और देश में लंबे समय से चला आ रहा वामदल ‘सिटीजन रेवोल्यूशन मूवमेंट’ का करीब एक दशक पुराना शासन समाप्त हो गया।
लासो ने जीत के बाद कहा, ‘‘पहला कदम अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना, निवेश बढ़ाना और रोजगार पैदा करना होगा, ताकि इक्वाडोर के लोग विदेश नहीं जाएं, इक्वाडोर में रहें और यहां रह कर अपने परिवारों के लिए देखे गए सपने पूरे करें।’’
इक्वाडोर में चुनाव अधिकारियों ने विजेता की घोषणा नहीं की, लेकिन अराउज ने रविवार को अपनी हार स्वीकार कर ली।
इस बीच पेरू में राष्ट्रपति पद के चुनाव में 18 में से किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत मत नहीं मिल सके, जिसके कारण अब छह अप्रैल को शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा।
निर्वाचन अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि 90 प्रतिशत मतों की गणना के अनुसार, वामपंथी पेड्रो कासटिलो को 18.9 प्रतिशत, विपक्ष के नेता कीको फुजिमोरी को 13.2 प्रतिशत, दक्षिणपंथी अर्थशास्त्री हर्नांडो डी सोतो को 11.86 प्रतिशत और राफेल लोपेज अलियागा को 11.83 प्रतिशत मत मिले।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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