गुजरात में दोबारा परीक्षा देने वालों के लिए ऑफलाइन परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज

अहमदाबाद, गुजरात उच्च न्यायालय ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 10वीं और 12वीं कक्षा के दोबारा परीक्षा देने वाले और गैर-नियमित छात्रों के लिए ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।

मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ ने कहा, “हम यहां शिक्षा के मानकों को कम करने के लिए नहीं हैं, बल्कि हम यह चाहते हैं कि मानकों में सुधार हो। इसलिए फिर से परीक्षा देने वाले और गैर-नियमित छात्रों को परीक्षा में बैठने दें, उन्हें अध्ययन करने दें और उन्हें परीक्षा पास करने दें।” मुख्य न्यायाधीश नाथ और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने कहा कि जितनी जल्दी परीक्षाएं होंगी, छात्रों के लिए उतना ही बेहतर होगा क्योंकि वे देर होने से पहले कॉलेजों में दाखिला ले सकते हैं।

राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि उसने परीक्षा आयोजित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।

सरकारी वकील मनीषा लव कुमार ने अदालत को बताया कि 15 जुलाई से शुरू होने वाली परीक्षाओं के लिए 2,916 स्कूल भवनों को चिह्नित किया गया है।

उन्होंने कहा, “बहुत कम छात्र सभी विषयों की परीक्षा देंगे, और जहां तक ​​​​महामारी का मामला है सौभाग्य से हम सबसे अच्छी स्थिति में हैं जहां संक्रमण दर (वर्तमान में) बहुत कम है।”

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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