गैर भाजपाई नेताओं को ममता का पत्र उनकी ‘हताशा’ दिखाता है: जावड़ेकर

नयी दिल्ली, भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी का गैर भाजपाई नेताओं को पत्र लिखना उनकी ‘हताशा’ को दर्शाता है क्योंकि वह जानती हैं कि वह न सिर्फ नंदीग्राम सीट से हार रही हैं बल्कि उनकी पार्टी भी पश्चिम बंगाल में सत्ता से बाहर होने वाली है।

बनर्जी ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी सहित गैर भाजपा नेताओं को पत्र लिखा है, जिसे उनकी पार्टी ने बुधवार को जारी किया। पत्र में बनर्जी ने कहा कि भाजपा के लोकतंत्र और संविधान पर कथित हमलों के खिलाफ ‘एकजुट होने और प्रभावी’ तरीके से संघर्ष करने का वक्त आ गया है। पत्र में उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को देश की जनता के समक्ष ‘‘भरोसेमंद विकल्प’’ पेश करने की कोशिश करनी चाहिए।

अभिनेता रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुस्कार दिए जाने की घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पत्र के बारे में पूछे जाने पर जावड़ेकर ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी का पत्र उनकी हताशा दिखाता है। उन्हें समझ आ गया है कि वह हार रही हैं, वह न सिर्फ नंदीग्राम सीट से हार रही हैं बल्कि उनकी पार्टी भी पश्चिम बंगाल में सत्ता से बाहर होने वाली है और इस कारण से वह कांग्रेस से भी उनसे मेल करने की अपील कर रही हैं, जो उनके खिलाफ लड़ रही है।’’

उन्होंने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे गए किसी भी प्रश्न का उत्तर देने से इनकार कर दिया और कहा कि यह सम्मेलन दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के बारे में हैं।

गौरतलब है कि बनर्जी का पत्र राज्य विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान की पूर्व संध्या पर सामने आया। इस चरण में नंदीग्राम सीट पर उनका मुकाबला एक वक्त सहयोगी रहे शुभेंदु अधिकारी से है। शुभेंदु इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा बनर्जी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (शिवसेना), झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (जेएमएम), दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (आप), ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (बीजद), आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी (वाईएसआर कांग्रेस),राकांपा प्रमुख शरद पवार, द्रमुक के एम के स्टालिन, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, राजद के तेजस्वी यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला, पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती और भाकपा (माले) के दीपांकर भट्टाचार्य को यह पत्र लिखा है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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