ग्रीनहाउस गैस 2021 में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचीं: संयुक्त राष्ट्र मौसम एजेंसी

बर्लिन, संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी ने बुधवार को कहा कि तीन प्रमुख ग्रीनहाउस गैस पिछले साल वातावरण में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहीं।

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने अपने ताजा वार्षिक ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन के साथ कहा, ‘‘दुनिया के लिए और बुरी खबर है।’’

मिस्र के शर्म-अल-शेख में होने वाले संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन से पहले जलवायु परिवर्तन के साथ मानव जाति के संघर्ष के अनेक पहलुओं पर विचार करते हुए हाल के दिनों में जारी अनेक रिपोर्ट में उक्त रिपोर्ट भी शामिल है।

डब्ल्यूएमओ ने कहा कि गर्मी बढ़ाने वाली तीन मुख्य ग्रीनहाउस गैसों-कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड में से 2020 से 2021 तक मीथेन के स्तर में सर्वाधिक वृद्धि हुई। चार दशक पहले शुरू हुए नियमित मापन के बाद से यह दो सालों के बीच सबसे बड़ी वृद्धि है।

डब्ल्यूएमओ महासचिव पेटैरी तालस ने कहा, ‘‘मीथेन के स्तर में रिकॉर्ड बढ़ोतरी समेत गर्मी बढ़ाने वाली मुख्य गैसों की सांद्रता में लगातार वृद्धि दिखाती है कि हम गलत दिशा में बढ़ रहे हैं।’’

मीथेन गर्मी बढ़ाने के मामले में कार्बन डाईऑक्साइड से अधिक असर डालती है लेकिन वातावरण में उसके बराबर समय तक नहीं रह पाती। वातावरण में मीथेन से 200 गुना अधिक कार्बन डाईऑक्साइड है।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्यालय ने बुधवार को इससे पहले कहा था कि 193 देशों के उत्सर्जन के आधार पर ताजा आकलन बताते हैं कि सदी के अंत तक तापमान में पूर्व-औद्योगिक कालखंड के औसत तापमान से 2.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है।

यह वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए पेरिस समझौते में निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्य से पूरा एक डिग्री सेल्सियस अधिक है।

रिपोर्ट के अनुसार 2010 तक उत्सर्जन भी 2010 के स्तर से 10.6 प्रतिशत बढ़ जाएगा जो पिछले साल के 13.7 प्रतिशत के आकलन से थोड़ा कम है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती का तापमान बढ़ाने वाली गैसों के उत्सर्जन में वास्तव में इस दशक के अंत तक 45 प्रतिशत तक की कटौती की जरूरत है।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्यालय के प्रमुख सिमोन स्टील ने एक बयान में कहा, ‘‘वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक कम करने पर अमल के लिए जरूरी उत्सर्जन कटौती की जो रफ्तार और पैमाना होना चाहिए, हम अभी उसके करीब भी नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस लक्ष्य को जीवंत रखने के लिए राष्ट्रीय सरकारों को अब अपनी जलवायु कार्रवाई योजनाओं को मजबूत करने तथा अगले आठ साल में उन्हें लागू करने की जरूरत है।’’

अगले महीने शर्म-अल-शेख, मिस्र में होने वाली संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर वार्ता से पहले रिपोर्ट जारी की गयी है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://en.wikipedia.org/wiki/World_Meteorological_Organization#/media/File:World_Meteorological_Organization_Logo.svg

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