चीन इस साल 23-24 जून को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा

बीजिंग, ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) का 14वां शिखर सम्मेलन 23 जून को बीजिंग में डिजिटल माध्यम से आयोजित किया जाएगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह घोषणा की।

चीन इस साल ब्रिक्स का अध्यक्ष है।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो एवं दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के भी भाग लेने की उम्मीद है।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक बयान में कहा कि शिखर सम्मेलन डिजिटल माध्यम से आयोजित किया जाएगा। शिखर सम्मेलन का विषय ‘‘उच्च गुणवत्ता वाली ब्रिक्स साझेदारी को बढ़ावा देना, वैश्विक विकास के लिए एक नए युग की शुरुआत’’ है।

हुआ ने कहा कि साथ ही, ब्रिक्स देशों के नेता और ‘‘प्रासंगिक’’ उभरते बाजारों एवं विकासशील देशों के नेता 24 जून को बीजिंग में वैश्विक विकास पर उच्च स्तरीय वार्ता में भाग लेंगे, जिसकी मेजबानी शी करेंगे।

उन्होंने कहा कि ‘‘टिकाऊ विकास के लिए 2030 के एजेंडा को संयुक्त रूप से लागू करने को लेकर नए युग के निर्माण के लिए वैश्विक विकास साझेदारी को बढ़ावा’’ देने के विषय पर डिजिटल तरीके से वार्ता आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि शी 22 जून को डिजिटल तरीके से ब्रिक्स बिजनेस फोरम के उद्घाटन समारोह में भी हिस्सा लेंगे और मुख्य भाषण देंगे।

शिखर सम्मेलन से पहले, चीन ने ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक सहित कई प्रारंभिक बैठकें कीं। भारत के एनएसए अजित डोभाल ने बुधवार को वीडियो लिंक के जरिए ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में हिस्सा लिया।

चीन की सरकारी मीडिया की खबर के अनुसार, पांच देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने विचारों का गहन आदान-प्रदान किया और बहुपक्षवाद और वैश्विक शासन को मजबूत करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नए खतरों एवं चुनौतियों का जवाब देने जैसे मुद्दों पर आम सहमति जताई।

डोभाल ने पांच देशों के समूह की एक डिजिटल बैठक को संबोधित करने के दौरान बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।

सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार, बैठक में नए मोर्चे पर प्रशासन को मजबूत करने और सुधार पर भी चर्चा हुई।

खबर के अनुसार सभी पक्षों ने 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के सार्थक परिणामों के लिए काम करने की इच्छा व्यक्त की।

बैठक में आतंकवाद और साइबर सुरक्षा पर कार्य समूह के काम की समीक्षा की गई, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और साइबर सुरक्षा सहयोग के लिए संयुक्त रूप से योजनाओं को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की गई और वैश्विक आतंकवाद में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय समन्वय भूमिका को बनाए रखने पर चर्चा हुई।

अधिकारियों ने अधिक समावेशी, प्रतिनिधि और लोकतांत्रिक वैश्विक इंटरनेट शासन प्रणाली का आह्वान किया।

इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 19 मई को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की डिजिटल बैठक में भाग लिया था।

चीन ने विदेश मंत्रियों के सम्मेलन के इतर कजाकिस्तान, सऊदी अरब, अर्जेंटीना, मिस्र, नाइजीरिया, सेनेगल, संयुक्त अरब अमीरात और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों के साथ ‘ब्रिक्स प्लस’ की बैठक भी आयोजित की। ब्रिक्स के न्यू डेवलपमेंट बैंक ने पहले ही बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और उरुग्वे को अपने सदस्यों के रूप में स्वीकार कर लिया है।

बाद में शुक्रवार को अपनी मीडिया ब्रीफिंग में, चीनी प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि ब्रिक्स देश, एक सहयोग तंत्र के रूप में, उभरते बाजारों और विकासशील देशों के साथ-साथ दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस बैठक में, हम उम्मीद करते हैं कि हम रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बना सकते हैं, विकास के लिए एक बड़ा खाका तैयार कर सकते हैं और विकास में अधिक योगदान दे सकते हैं।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Twitter

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