चीन के आक्रामक बर्ताव तथा यूक्रेन पर रूसी आक्रमण जैसे मुद्दों के जी7 में प्रमुखता से उठने की उम्मीद

तोक्यो, दुनिया की सात विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले समूह जी7 के इस सप्ताह होने जा रहे शिखर सम्मेलन में आठ अन्य अतिथि देश भी हिस्सा लेगें। इस शिखर सम्मेलन में चीन के आक्रामक बर्ताव तथा यूक्रेन पर रूस के आक्रमण जैसे मुद्दों के प्रमुखता से उठने की उम्मीद है । जी7 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता जापान कर रहा है और जापान के प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा ने दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, भारत, ब्राजील, वियतनाम, इंडोनेशिया, कोमोरोस तथा कुक द्वीपसमूहों को इसमें आमंत्रित किया है।

             विश्लेषकों के अनुसार किशिदा को उम्मीद है कि ये देश चीन के आक्रामक बर्ताव तथा यूक्रेन पर रूस के आक्रमण जैसे गंभीर मुद्दों पर बात करेंगे। वह अमेरिका के सहयोगी देशों के साथ ही विकासशील देशों के साथ भी मजबूत संबंध चाहते हैं तथा परमाणु हथियार मुक्त दुनिया बनाने की दिशा में भी प्रगति चाहते हैं। लेकिन उत्तर कोरिया और रूस जैसे देशों से बढ़ते परमाणु खतरों के मद्देनजर ये मुश्किल प्रतीत होता है।

             जी7 में अमेरिका,जापान, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, इटली और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इन देशों के शीर्ष राजनयिक पिछले माह नगानो में एक बैठक में शामिल हुए थे।

             सियोल के इवहा विश्विद्यालय में प्रोफेसर लीफ एरिक एस्ले ने कहा, ‘‘जी7 अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है साथ ही रूस के आक्रमण के बीच यूक्रेन को समर्थन करना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है।’’इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले अतिथि देशों के चीन और रूस के साथ जटिल राजनीतिक तथा आर्थिक संबंध है। भारत चार देशों के समूह (क्वाड) का सदस्य है, इसमें भारत के अलावा अमेरिका, जापान तथा ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। चीन ने इस समूह पर ‘‘एशियाई नाटो’’के तौर पर काम करने का आरोप लगाया है।

   यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के दौरान भारत ने रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों पर मतदान में भाग नहीं लिया था, हालांकि उसने बातचीत के जरिए समस्या को हल करने पर हमेशा जोर दिया है।

             भारत इस वर्ष जी20 शिखर सम्मेलन की भी अध्यक्षता कर रहा है, जिसे जी7 अर्थव्यवस्थाओं तथा ग्लोबल साउथ के बीच अहम सेतु माना जाता है। जापान के भारत के साथ पारंपरिक तौर पर प्रगाढ़ संबंध है। किशिदा एक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मार्च में भारत गए थे।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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