नयी दिल्ली जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित के इस बयान के लिए उन पर निशाना साधा कि जेएनयू परिसर मुफ्त भोजन और आवास की सुविधा भोगने वालों (फ्रीलोडर) का सामना कर रहा है।
छात्र संघ ने पंडित पर विश्वविद्यालय को निशाना बनाने वाली कुछ फिल्मों के ‘निंदात्मक विमर्श’ पर ध्यान नहीं देने का आरोप भी लगाया। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने कुलपति को लिखे एक खुले पत्र में उन पर ‘परिसर में कुछ राजनीतिक रूप से तरजीही समूहों को प्राप्त शानदार सुविधाओं’ को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और कहा कि ‘मुफ्तखोर’ (फ्रीलोडर) वह थीं न कि विद्यार्थी।
सोमवार देर रात जारी पत्र के अनुसार ‘‘यहां वास्तविक मुफ्तखोर कौन है क्या छात्र और शिक्षक हैं जो अकादमिक उत्कृष्टता के लिए काम कर रहे हैं या संभवत: आप हैं जो कुलपति के पद पर आसीन हैं करदाताओं के पैसे से वेतन पा रही हैं लेकिन विश्वविद्यालय समुदाय के लिए अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभा पा रहीं।’’
इससे पहले पंडित ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा था कि जेएनयू में ‘मुफ्तखोरों’ की समस्या है।जेएनयू से पढ़ाई कर चुकीं पंडित (61) ने कहा था कि यह समस्या तब भी थी जब वह छात्रा थीं लेकिन अब यह और बढ़ गई है।
उन्होंने कहा ‘‘परिसर में ऐसे भी अतिथि हैं जो अवैध रूप से रह रहे हैं जो जेएनयू के छात्र भी नहीं हैं लेकिन यहां आते हैं और रहते हैं। वे या तो यूपीएससी या अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं… उनके लिए जेएनयू रहने की सबसे सस्ती जगह है… दक्षिण पश्चिम दिल्ली में आपको हरियाली वाला दो हजार एकड़ में फैला हुआ ढाबों और सस्ते भोजन के साथ ऐसा आवास कहां मिल सकता है।’’
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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