झारखंड के मुख्यमंत्री ने जाति आधारित सर्वेक्षण को दी हरी झंडी: अधिकारी

रांची, झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने पड़ोसी राज्य बिहार की तर्ज पर राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण को हरी झंडी दे दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को एक मसौदा तैयार करने और इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखने का निर्देश दिया है।

            उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो लोकसभा चुनाव के बाद कवायद शुरू हो जाएगी। सर्वेक्षण का संकेत देते हुए सोरेन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी। झारखंड तैयार है।”

            मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “झारखंड में (जाति-आधारित) सर्वेक्षण कराने के लिए कार्मिक विभाग मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगा। इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा।” उन्होंने कहा कि जाति-आधारित सर्वेक्षण पड़ोसी राज्य बिहार की तर्ज पर किया जाएगा, जहां पिछले साल सात जनवरी से दो अक्टूबर के बीच आंकड़ों का संग्रह किया गया था।

            चौबे ने कहा कि ग्रामीण और समाज कल्याण सहित कई विभागों पर विचार किया गया लेकिन सर्वेक्षण के लिए कार्मिक विभाग को अंतिम रूप से चुना गया। झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)-कांग्रेस-राजद सरकार के विधायक राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण की मांग कर रहे थे। उन्होंने कई बार राज्य विधानसभा में भी मांग उठाई। इस महीने के पहले सप्ताह में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के झारखंड चरण के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भी जाति आधारित सर्वेक्षण की वकालत की थी।

            इस बीच, प्रस्तावित कवायद पर टिप्पणी करते हुए झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘हर कोई राज्य की जनसांख्यिकी के बारे में जानता है। हमें बड़ी बड़ी बातें करने के बजाय सबसे गरीब लोगों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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