टूलकिट मामला: दिल्ली की अदालत ने कार्यकर्ता को प्राप्त गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि बढ़ाई

नयी दिल्ली, किसानों के प्रदर्शन से संबंधित ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर साझा करने के मामले में सह-आरोपी ,एवं जलवायु कार्यकर्ता शुभम कर चौधरी की गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को तीन और दिन के लिए बढ़ा दी। चौधरी के अलावा दिशा रवि तथा कुछ अन्य व्यक्ति भी इस मामले में आरोपी हैं।

इस मामले में चौधरी ने अग्रिम जमानत की याचिका दी थी जिस पर पुलिस ने कार्यवाही के स्थगन की मांग की हालांकि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने चौधरी को यह राहत दी।

बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने चौधरी को हाल में ट्रांजिट जमानत दी थी।

शुक्रवार को संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पुलिस ने अदालत से इस मामले को 15 मार्च तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया। इस मामले में सह आरोपी दिशा रवि और शांतनु मुकुल की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर इसी दिन सुनवाई होनी है।

हालांकि आरोपी ने न्यायाधीश को सूचित किया कि उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए संरक्षण की अवधि आज समाप्त होने जा रही है, इस पर अदालत ने कहा, ‘‘सुनवाई की अगली तारीख तक आरोपी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए।’’

आरोपी की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल का मामला अन्य सह आरोपियों से बिलकुल अलग है क्योंकि टूलकिट बनाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है।

गोवा पीठ ने चौधरी को गिरफ्तारी से 12 मार्च तक संरक्षण प्रदान किया था ताकि वह दिल्ली की अदालत में जा सकें।

अदालत इस मामले में जलवायु कार्यकर्ता 21 वर्षीय दिशा रवि को पहले ही जमानत दे चुकी है और वह टूलकिट दस्तावेजों के कथित संपादकों में से एक है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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