‘ट्रोइका प्लस’ वार्ता में तालिबान से सभी आतंकवादी संगठनों से संबंध तोड़ने का आह्वान किया गया

इस्लामाबाद, अमेरिका, चीन, रूस और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को तालिबान से सभी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के साथ अपने संबंध तोड़ने और ‘‘समावेशी और प्रतिनिधित्व’’ वाली सरकार बनाने के लिए कदम उठाते हुए देश में किसी भी आतंकवादी संगठन को जगह देने से इनकार करने का आह्वान किया।

इस्लामाबाद में चार देशों के विशेष अफगान प्रतिनिधियों की विस्तारित ‘ट्रोइका बैठक’ ने अफगानिस्तान में ताजा हालात की समीक्षा की और कहा कि यह उम्मीद है कि तालिबान अपने पड़ोसी देशों और बाकी दुनिया के खिलाफ आतंकवादियों द्वारा अफगान क्षेत्र के उपयोग को रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करेगा।

वार्ता के समापन पर जारी संयुक्त वक्तव्य के अनुसार चारों देशों ने ‘‘अफगानिस्तान में गंभीर मानवीय और आर्थिक स्थिति के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की और अफगानिस्तान के लोगों के लिए अटूट समर्थन दोहराया।’’

‘ट्रोइका’ के विस्तारित समूह को ‘ट्रोइका प्लस’ के रूप में भी जाना जाता है। इसने दुनिया द्वारा अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के तत्काल प्रावधान का स्वागत किया। सदस्यों ने अफगानिस्तान की आर्थिक चुनौतियों के बारे में चिंताओं को स्वीकार किया और वैध बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने की प्रतिबद्धता जताई।

‘ट्रोइका प्लस’ की बैठक तीन महीने के अंतराल के बाद हुई और तालिबान सरकार के साथ कैसे जुड़ना है, इस पर आम सहमति बनने की उम्मीद थी।

इससे पहले, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ‘विस्तारित ट्रोइका’ के शुरुआती संबोधन में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण अफगानिस्तान को एक आसन्न मानवीय तबाही से बचने में तुरंत मदद करने का आग्रह किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने दुनिया को अतीत की गलतियों को न दोहराने की चेतावनी दी, जब अफगानिस्तान के अलगाव ने कई समस्याएं पैदा कीं।

कुरैशी ने आशा जताई की ‘ट्रोइका प्लस’ समूह अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के लिए मददगार होगा और अफगान धरती से आतंकवादियों को खत्म करने में भूमिका निभाएगा।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images

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