डीयू ने नियमित प्राचार्य नहीं होने पर भी कॉलेजों को शिक्षकों की भर्ती करने की अनुमति दी

नयी दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने 32 कॉलेजों से कहा है कि उनके पास “नियमित प्राचार्य” नहीं होने पर भी वे शिक्षकों की नियुक्ति कर सकते हैं। इससे पहले विश्वविद्यालय ने कहा था कि स्थायी प्रधानाध्यापक नहीं होने पर कॉलेज नए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर सकते।

डीयू की ओर से 31 अगस्त को जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि विश्वविद्यालय ने छात्रों के वृहद् हित को देखते हुए पहले दिए अपने निर्देश की समीक्षा की है।

विश्वविद्यालय के सहायक रजिस्ट्रार ने कॉलेजों की प्रशासकीय इकाइयों को 18 मई को लिखे पत्र में कहा था कि जब तक नियमित प्राचार्य न हों तब तक निविदा, अस्थायी या नियमित आधार पर भी शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति न की जाए।

इसके बाद डीयू के ‘एकेडेमिक्स फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट’ के सात सदस्य शिक्षकों ने कुलपति योगेश सिंह को पत्र लिखकर निर्णय को वापस लेने का आग्रह किया था। शिक्षकों का कहना था कि कई कॉलेजों में पहले से ही शिक्षकों की कमी है और इस निर्देश से पठन पाठन की गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ेगा।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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