ताइवान को अमेरिकी हथियार बेचने को लेकर चीन ने की शिकायत

सिंगापुर, ताइवान के लिए अमेरिका के हालिया हथियार पैकेज को लेकर चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे ने अपने अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन से शुक्रवार को शिकायत की। जनरल फेंघे ने अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन को उन स्वायत्तशासी द्वीपों को लेकर होने वाले संभावित संघर्ष के प्रति आगाह किया, जिन्हें चीन अपने देश का हिस्सा होने का दावा करता है।

दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच बैठक सिंगापुर में हुई। दोनों नेताओं ने शांगरी-ला डायलॉग के इतर मुलाकात की, जो दक्षिण पूर्व एशियाई शहर में प्रत्येक वर्ष आयोजित एक क्षेत्रीय सुरक्षा सम्मेलन है।

सरकारी प्रसारणकर्ता सीसीटीवी के मिलीट्री चैनल ने बताया कि इस दौरान फेंघे ने अमेरिकी रक्षा मंत्री से कहा कि ताइवान को की गई इस हथियार बिक्री से चीन के सुरक्षा हित और संप्रभुता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।

वेई ने कहा, ‘‘ हम इसका विरोध और कड़ी निंदा करते हैं। चीनी सरकार और सेना ताइवान की स्वतंत्रता की हर साजिश को कुचलने के लिए दृढ़ संकल्प है। हम अपनी मातृ भूमि के पुन:एकीकरण की रक्षा करने को लेकर दृढ़ संकल्पित हैं।’’ गौरतलब है कि चीन और ताइवान का विभाजन वर्ष 1949 में गृह युद्ध के दौरान हुआ था, जब चीन ने इस द्विपीय गणराज्य पर कब्जे के लिए बल प्रयोग की धमकी दी थी।

औपचारिक राजनयिक संबंधों के अभाव के बावजूद वाशिंगटन ही ताइवान का सबसे मजबूत समर्थक और हथियार आपूर्ति कर्ता है। अमेरिका ने बुधवार को 12.0 करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य के कल-पुर्जे ताइवानी नौसैनिक जहाजों के लिए देने का ऐलान किया था।

अमेरिकी विदेश विभाग ने इस घोषणा के बाद कहा था कि प्रस्तावित बिक्री से वर्तमान और भावी खतरों से निपटने में ताइवान की क्षमता बढ़ेगी।

ताइवान में कुछ लोग बड़े हथियार की खरीद के लिए दबाव बना रहे हैं, लेकिन अमेरिका छोटे हथियार बेचने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है क्योंकि यह चीनी हमले के खिलाफ ज्यादा कारगर साबित होंगे। इसके कारण चीन-अमेरिका में असहमति है।

एक अन्य बयान में वेई ने कहा चीन को नियंत्रित करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही चीनी रक्षा मंत्री ने उन शर्तों का भी जिक्र किया जिसे अमेरिका को आपसी संबंध सुधारने के लिए पूरा करना होगा। इन शर्तों में चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना और चीनी हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना शामिल है।

दोनों नेताओं की बैठक के बाद चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने वेई के हवाले से कहा कि चीन ताइवान की औपचारिक स्वतंत्रता की दिशा में किसी भी कदम का जवाब इसे किसी भी कीमत पर कुचल कर देगा जिसमें युद्ध भी शामिल है।

वू ने ‘बाहरी शक्तियों’ पर आरोप दक्षिण चीन सागर में संकट पैदा करने का आरोप लगाया, चीन अपना होने का दावा करता है।

वू ने कहा कि बीजिंग यूक्रेन के मुद्दे को लेकर चीन के हितों को नुकसान पहुंचाने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से प्रतिकार करेगा। चीन ने रूसी आक्रमण की आलोचना करने से इनकार कर दिया और पश्चिम और नाटो पर मास्को को उकसाने का आरोप लगाया। चीनी समकक्ष से मुलाकात के दौरान ताइवान को लेकर चीन का युद्धक स्वर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में समग्र गिरावट को दर्शाता है।

रक्षा विभाग के अनुसार इसके विपरीत ऑस्टिन ने जिम्मेदारी पूर्वक प्रतिस्पर्धा का प्रबंधन करने और आपसी संचार की लाइन को खुला रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ताइवान पर अपनी पुरानी नीति के प्रति प्रतिबद्ध है और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के महत्व का समर्थन करता है और यथास्थिति में एकतरफा बदलाव का विरोध करता है। अमेरिका रक्षा विभाग ने कहा कि अमेरिका ने चीन से अपील की कि वह अस्थिर करने वाली कार्रवाइयों से परहेज करे।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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