तेजस्वी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, नौकरी में वृद्धि के संकल्प को दोहराया

पटना, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर बृहस्पतिवार को निशाना साधते हुए कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यालय स्थापित करने के लिए अपना आवास देने को तैयार हैं।

राजनीतिक प्रतिशोध के लिए ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाया जाता रहा है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युवा नेता ने 10 लाख नौकरियां प्रदान करने के अपने उस वादे को पूरा करने की प्रतिबद्धता फिर से जताई, जो उन्होंने विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान किया था।

यादव ने कहा कि उनकी नवगठित सरकार 2020 में विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए 10 लाख नौकरियां देने के राजद के वादे को पूरा करेगी।

बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाए जाने और धनशोधन के एक मामले में उनका नाम सामने आने के बीच, जब तेजस्वी यादव से यह पूछा गया कि क्या वह संघीय एजेंसियों के डर से परेशान हैं, उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘ मैं ईडी और सीबीआई द्वारा मेरे आवास के भीतर अपना कार्यालय स्थापित किए जाने का स्वागत करूंगा। अगर इससे भी शांति नहीं मिलती, तो मैं उनकी मदद नहीं कर सकता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उपमुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी मैं इन एजेंसियों से नहीं डरता था जबकि तब मैं बहुत छोटा था। मैं बिहार के हितों के लिए केंद्र से लड़ता रहा हूं।’’

राजद प्रमुख लालू प्रसाद के छोटे पुत्र तेजस्वी ने कहा, ‘‘अब मैं परिपक्व हो गया हूं। मैंने विपक्ष के नेता के रूप में काम किया है और मैंने अपने पिता की अनुपस्थिति में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी पार्टी के प्रचार अभियान को भी संभाला था।’’

धन शोधन मामले में नामजद होने से जुड़े सवाल पर तेजस्वी ने कहा, ‘‘मेरे खिलाफ दर्ज मामला उस समय का है, जब मैं बच्चा था। अगर मैंने कोई अपराध किया था, तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।’’

इस बीच एक समाचार चैनल को दिए एक साक्षात्कार में तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबंधित अधिकारियों को रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश जारी किए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी विभागों में बहुत सारे पद खाली हैं। हम इन्हें भरेंगे। फिलहाल हम विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद पूरी तरह से सक्रिय होने का इंतजार कर रहे हैं।’’

तेजस्वी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक वादा नहीं था, बल्कि बिहार में रोजगार सृजन की बहुत आवश्यकता है। हम इससे मुकरने के बारे में नहीं सोच सकते, क्योंकि चुनाव में राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की तुलना में सभी 243 विधानसभा सीटों पर केवल 12,000 वोट कम मिले थे। हमें लोगों ने अपना भरपूर आशीर्वाद दिया था।’’

तेजस्वी ने उनकी पार्टी के बारे में नकारात्मक धारणा फैलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि उनके दल पर अक्सर बाहुबल के इस्तेमाल का आरोप लगाया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘समस्या यह है कि हम नहीं जानते कि खुद का प्रचार कैसे करें, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार अपने प्रचार-प्रसार में माहिर है, लेकिन हमारी सरकार का प्रदर्शन देखने के बाद लोग उनके द्वारा लगाए आरोपों को देखेंगे।’’

गठबंधन सहयोगी होने के बावजूद भाजपा के जदयू को विभाजित करने की कोशिश करने के आरोपों पर सहमति व्यक्त करते हुए राजद नेता ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार बहुत दबाव में थे। वे (भाजपा) कोशिश कर रहे थे कि बिहार में भी वैसा ही किया जाये, जैसा वे अन्य राज्यों में करते रहे हैं।’’

तेजस्वी ने कहा कि सत्ता में जदयू के साथ रहने के बावजूद केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिये जाने जैसे छोटे अनुरोध को भी पूरा नहीं किया।

उन्होंने कहा कि इसके लिए नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री से आग्रह किया था।

तेजस्वी ने कहा कि जब इतना छोटा काम नहीं हो सका, तो बिहार को विशेष दर्जा एवं विशेष आर्थिक पैकेज दिये जाने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए पैकेज तो भूल ही जाइए।

भाजपा नेताओं द्वारा कुमार और लालू प्रसाद के बीच की पुरानी तीखी नोकझोंक का हवाला दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने सवाल किया कि नीतीश कुमार के खिलाफ इतना जहर उगलने के बाद भी भाजपा ने 2017 में जदयू के साथ हाथ क्यों मिलाया। उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी उनके डीएनए में खराबी बताई थी। क्या यह वही प्रधानमंत्री नहीं हैं, जिन्होंने हाल में नीतीश कुमार को सच्चा समाजवादी बताया था।’’

उन्होंने कहा कि मोदी को खुश होना चाहिए कि मुख्यमंत्री अब वैचारिक समानता वाले साथियों के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं।

तेजस्वी ने आंतरिक विरोधाभासों के कारण नई सरकार के जल्द पतन की अटकलों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘हम सभी मन से समाजवादी हैं। हम लड़ सकते हैं, लेकिन हम साथ रहेंगे।’’

वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद जदयू-राजद-कांग्रेस की महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री का ओहदा संभाल चुके 33 वर्षीय राजद नेता ने कहा, ‘‘महागठबंधन शब्द तब अस्तित्व में आया था, जब नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद से हाथ मिलाया था। हम बहुत खुश हैं कि वह हमारे साथ वापस आ गये हैं।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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