त्योहारों, सुरक्षा बलों की तैनाती ध्यान में रखते हुए बंगाल चुनाव आठ-चरण में कराने का फैसला: अधिकारी

नयी दिल्ली, पश्चिम बंगाल में आठ चरण विधानसभा चुनाव की घोषणा को लेकर कुछ लोगों द्वारा आलोचनाओं किये जाने के बीच चुनाव आयोग (ईसी) के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए, त्योहारों, सुरक्षा बलों की आवाजाही और मतदान केंद्रों की संख्या में वृद्धि के कारण चुनाव के चरणों को बढ़ाना पड़ा।

पश्चिम बंगाल में चरणों की संख्या बढ़ाने को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में, मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने कहा कि जब चुनाव आयोग कानून-व्यवस्था की स्थिति का आकलन करता है, तो यह कई कारकों पर आधारित होता है।

उन्होंने कहा, “2016 में पश्चिम बंगाल (विधानसभा) के चुनाव भी तो सात चरणों में हुए थे। लोकसभा चुनाव भी सात चरणों में हुए थे। इसलिए, सात से आठ चरण इतनी बड़ी बात नहीं है क्योंकि हमें सुरक्षा बलों की व्यवस्था देखनी होगी।’’

उन्होंने कहा, “हमें एक तरह से आगे कैसे बढ़ना है यह पता लगाना है। इसलिए हम दो व्यय पर्यवेक्षकों को तमिलनाडु और दो पुलिस पर्यवेक्षकों को पश्चिम बंगाल भेज रहे हैं।”

सामाजिक दूरी के मानदंडों के कारण, इस बार मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 1.1 लाख कर दी गई है।

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को के पांच विधानसभाओं- असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से सबसे अधिक आठ चरणों में मतदान होगा।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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