दक्षिण कोरिया ने पहली बार स्वदेशी अंतरिक्ष रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया

सियोल, दक्षिण कोरिया ने मंगलवार को पहली बार स्वदेशी अंतरिक्ष रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने कहा कि इस सफलता से देश की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में ना केवल और बढ़ोतरी होगी, बल्कि इससे यह भी साबित हो गया कि दक्षिण कोरिया के पास अंतरिक्ष आधारित निगरानी प्रणाली बनाने और बड़ी मिसाइलें बनाने की अहम तकनीक मौजूद है। उत्तर कोरिया से जारी शत्रुता के बीच अधिकारी ने यह बयान दिया।

दक्षिण कोरिया के विज्ञान मंत्रालय ने कहा कि तीन चरणों वाला ‘नूरी रॉकेट’ शाम चार बजे प्रक्षेपित होने के बाद उपग्रह को लेकर 700 किलोमीटर (435 मील) की लक्षित ऊंचाई के लिए रवाना हुआ। इसका प्रक्षेपण दक्षिणी द्वीप पर स्थित दक्षिण कोरिया के अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से किया गया।

इसके पहले टेलीविजन पर सजीव प्रसारण में दिया गया कि 47-मीटर (154-फुट) लंबा रॉकेट राष्ट्रीय ध्वज और कोरियाई में भाषा में अपने नाम के साथ तेज लपटों और घने सफेद धुएं के बीच हवा में उठ रहा है।

इस प्रक्षेपण ने दक्षिण कोरिया को अंतरिक्ष में उपग्रह स्थापित करने वाला दुनिया का 10वां देश बना दिया है। यह दक्षिण कोरिया का नूरी रॉकेट का दूसरा प्रक्षेपण था।

पिछले साल अक्टूबर में दक्षिण कोरिया का यह प्रक्षेपण सफल नहीं हो सका था, क्योंकि रॉकेट के तीसरे चरण का इंजन योजना से पहले जल गया था।

दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था दक्षिण कोरिया विश्व बाजार में सेमीकंडक्टर्स, ऑटोमोबाइल और स्मार्टफोन का मुख्य आपूर्तिकर्ता है। लेकिन इसका अंतरिक्ष विकास कार्यक्रम अपने एशियाई पड़ोसियों चीन, भारत और जापान से पीछे है।

वर्ष 2013 में दक्षिण कोरिया ने अपनी धरती से पहली बार सफलतापूर्वक एक उपग्रह प्रक्षेपित किया था, लेकिन इसके प्रक्षेपण यान का पहला चरण रूस द्वारा निर्मित था।

दक्षिण कोरिया आने वाले सालों में चार और नूरी रॉकेट प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है। दक्षिण कोरिया अब चंद्रमा पर एक जांच भेजने, अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान बनाने और बड़े पैमाने पर उपग्रहों को कक्षा में भेजने की उम्मीद कर रहा है।

दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने कहा कि नूरी रॉकेट का कोई सैन्य उद्देश्य नहीं है।

उत्तर कोरिया ने भी वर्ष 2012 और वर्ष 2016 में पृथ्वी की नगिरानी करने वाले अपने पहले और दूसरे उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने का दावा किया था। हालांकि, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि दोनों में से किसी ने कभी भी अंतरिक्ष-आधारित तस्वीर और आंकड़ा अपने देश को भेजा या नहीं। लेकिन इन उत्तर कोरियाई प्रक्षेपणों ने संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक प्रतिबंधों को आमंत्रित किया क्योंकि इन्हें देश की प्रतिबंधित लंबी दूरी की मिसाइल प्रौद्योगिकी को ढंकने के रूप में देखा गया था।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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