दिल्ली सरकार के कार्यक्रम से जुड़ने वाले मार्गदर्शकों का साइकोमीट्रिक आकलन होगा : सिसोदिया;

नयी दिल्ली, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली सरकार के “देश का मेंटर” कार्यक्रम में मार्गदर्शकों (मेंटर) को शामिल करने से पहले उनका साइकोमीट्रिक मूल्यांकन किया जा रहा है। हालांकि, एनसीपीसीआर ने सवाल उठाया है कि क्या यह परीक्षण संभावित बाल यौन शोषण करने वालों की पहचान कर सकते हैं ?

सिसोदिया ने यह टिप्पणी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा उठाई गई आपत्ति के जवाब में की। आयोग ने बच्चों के अज्ञात लोगों के संपर्क में आने और अपराध तथा दुर्व्यवहार की आशंका पर चिंता जताते हुए कार्यक्रम को स्थगित करने को कहा था।

सिसोदिया ने भारतीय जनता पार्टी पर कार्यक्रम में ‘‘खलल डालने की साजिश करने’’ और शिक्षा का दुश्मन बनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एनसीपीसीआर द्वारा उठायी गयी सभी आपत्तियां ‘‘राजनीति से प्रेरित हैं।’’

इस संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है, ‘‘अगर देश में कुछ अच्छा काम हो रहा है तो उसे रोकने का प्रयास करने की जगह उसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। मैं भाजपा से मामले का राजनीतिकरण नहीं करने की अपील करता हूं। यह गरीब बच्चों से जुड़ा मसला है और इस कार्यक्रम की मदद से शिक्षा जन आंदोलन का रूप ले रही है।’’

उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमने कार्यक्रम की संरचना तय करते समय इन चीजों/बातों का पूरा खयाल रखा है। कार्यक्रम के तहत, सभी छात्राओं को महिला मार्गदर्शक और छात्रों को पुरुष मार्गदर्शक आवंटित किए जाते हैं। कार्यक्रम के तहत मार्गदर्शक के आवंटन के लिए छात्रों के माता-पिता की सहमति अनिवार्य की गई है।”

उन्होंने कहा, “मार्गदर्शक बनने के इच्छुक सभी लोगों का साइकोमीट्रिक मूल्यांकन किया जा रहा है और उसमें पास होने वालों को ही छात्र/छात्राओं के मार्गदर्शन का मौका दिया जा रहा है। हमने परीक्षा में फेल होने वाले 750 लोगों को खारिज कर दिया है।’’

साइकोमीट्रिक मूल्यांकन में व्यक्ति के काम और संस्थान के संबंध में व्यवहार अनुकूलता को परखने के साथ-साथ उसकी सोचने-समझने की क्षमता, टीम के रूप में काम करने की योग्यता आदि का आकलन किया जाता है।

सिसोदिया के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है।

भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता प्रवीण कपूर ने भी आरोप लगाया कि कार्यक्रम को स्थगित करने संबंधी एनसीपीसीआर के आदेश पर सिसोदिया ने जैसी प्रतिक्रिया दी है, वह ‘वैधानिक संस्थाओं के प्रति दिल्ली सरकार के अराजक और अपमानजनक व्यवहार का दर्शाता है।’’

‘देश का मेंटर’ कार्यक्रम पिछले साल अक्टूबर महीने में शुरू किया गया था। इसके तहत नौवीं से 12वीं कक्षा के बच्चों को समर्पित मार्गदर्शक, उनके करियर एवं जीवन के संदर्भ में मार्गदर्शन देंगे। इस कार्यक्रम के ब्रांड एंबेसडर बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद हैं।

इसके तहत अपने-अपने क्षेत्र में मुकाम हासिल करने वाले प्रतिष्ठित लोगों को मार्गदर्शक के रूप में काम करने और सरकारी स्कूल के अधिकतम 10 छात्रों को मार्गदर्शन के लिए “गोद लेने” की अनुमति होगी।

यह दावा करते हुए कि स्कूली बच्चों को करियर का मार्गदर्शन देने के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम उनके समक्ष अज्ञात खतरे पैदा कर सकता है, एनसीपीसीआर ने पिछले महीने और फिर पिछले सप्ताह दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा कि इस संबंध में मिला जवाब संतोषजनक नहीं है।

उसने कहा कि खामियों को दूर किए जाने तक इस कार्यक्रम को निलंबित रखा जाए। एनसीपीसीआर का कहना है कि इस कार्यक्रम से बच्चों को कुछ खतरों का सामना करना पड़ सकता है। पिछले महीने आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था और इस सप्ताह की शुरुआत में उसने फिर से पत्र लिखकर कहा था कि सरकार की तरफ से जवाब उसे मिला है उसमें उपयुक्त तथ्य मौजूद नहीं हैं।

एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने सवाल किया कि दिल्ली सरकार को कार्यक्रम से मार्गदर्शक के तौर पर जुड़ने वालों का पुलिस सत्यापन कराने में क्या समस्या है?

कानूनगो ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “दिल्ली सरकार यहां पुलिस सत्यापन नहीं कराकर अपनी अक्षमता छिपा रही है। इसके अलावा वे कह रहे हैं कि मार्गदर्शकों का साइकोमीट्रिक परीक्षण किया गया है।”

उन्होंने कहा, “मैं उनसे पूछना चाहता हूं: क्या यह साइकोमीट्रिक परीक्षण किसी भी बच्चे के लिए संभावित खतरे के संदर्भ में किसी व्यक्ति का ‘पुख्ता’ आकलन है? क्या इस साइकोमीट्रिक परीक्षण का विश्लेषण और जांच पेशेवर विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है? क्या यह साइकोमीट्रिक परीक्षण बाल यौन शोषण करने वालों या संभावित बाल यौन शोषकों की पहचान कर सकता है?”

कानूनगो ने यह भी कहा कि सिसोदिया ने कहा है कि अभिभावकों की सहमति ली जाती है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘अगर आप बार-बार यह कहते हैं कि बच्चे समाज के कमजोर वर्ग से आते हैं और करियर के लिए उन्हें मार्गदर्शन की जरूरत है तो आप यह उम्मीद कैसे कर सकते हैं कि बच्चों के अभिभावक इस कार्यक्रम में सहभागिता का निर्णय लेने में सक्षम हैं?’’

उन्होंने कहा ‘‘दिल्ली सरकार इन बच्चों की जिम्मेदारी से अपना पल्ला झाड़ रही है। जो खामियां हमने बताईं, उन्हें दूर करने की बात तो दूर, वे उन्हें देखना ही नहीं चाहते।’’

सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा नहीं चाहती है कि गरीब बच्चों को विश्व-स्तरीय विश्वविद्यालय जाने का मौका मिले।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा शिक्षा का दुश्मन बन गई है। वह दिल्ली सरकार के स्कूलों के हजारों छात्रों की मदद करने वाले ‘देश का मार्गदर्शक’ कार्यक्रम को बाधित करने की साजिश कर रही है। भाजपा नहीं चाहती है कि गरीब बच्चों को विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों में जाने का मौका मिले, ताकि वह ‘व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी’ के जरिए घृणा और गंदगी फैलाती रहे। भाजपा ‘देश का मार्गदर्शक’ कार्यक्रम के जरिए गरीब बच्चों की सफलता से डरी हुई है और वह भाजपा के एक कार्यकर्ता की सोची-समझी शिकायत का इस्तेमाल इस कार्यक्रम को रोकने के लिए कर रही है।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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