दो-तिहाई संचारी संक्रमण पशु जनित, प्राणीजन्य रोगों का ज्ञान महत्वपूर्ण: केरल की स्वास्थ्य मंत्री

तिरुवनंतपुरम, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार को कहा कि दो-तिहाई संचारी रोग पशु जनित होते हैं और इनसे, प्राणीजन्य रोगों के बारे में जानकारी होने पर ही बचा जा सकता है।

विश्व प्राणी जनित रोग दिवस के मौके पर जारी बयान में मंत्री ने कहा कि दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक चुनौती बनीं नयी और बार-बार होने वाली बीमारियों में पशु जनित संक्रमणों का व्यापक प्रभाव पड़ता है।

बयान में कहा गया है, ‘दो तिहाई संचारी रोग पशु-जनित होते हैं।’

उन्होंने कहा कि सामान्य पशु जनित रोगों के अलावा आमतौर पर केरल में सामने आए लेप्टोस्पायरोसिस, स्क्रब टाइफस, मंकी फीवर, निपाह वायरस, रेबीज, जापानी बुखार, वेस्ट नाइल बुखार और कोविड-19 भी सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं।

जॉर्ज ने कहा कि मानव-पशु संपर्क अपरिहार्य है, लेकिन जानवरों से मनुष्यों में वायरस, बैक्टीरिया या परजीवी के स्थानांतरण को रोकने के लिए सावधानी बरती जा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘मनुष्य जाने-अनजाने, रोजगार, भोजन, पशुपालन, शिक्षा, मनोरंजन और वन एवं वन्यजीव संरक्षण जैसे कई क्षेत्रों में वन्यजीवों के साथ सीधे संपर्क में आते हैं। इसलिए, इन रोगों को तभी रोका जा सकता है जब जूनोटिक रोगों के बारे में जानकारी हो।’

उन्होंने इस संबंध में कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी, जिनमें पशुओं या उनके शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आते समय सावधान रहना, पशुओं के साथ किसी भी तरह संपर्क में आने के बाद साबुन से हाथ धोना, पालतू जानवरों को चेहरे या होंठों को चाटने से रोकना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि समय पर उनका टीकाकरण हो।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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