प्रयागराज, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अदालत के स्थगन आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता ऋषि गोयल का भवन ध्वस्त करने को लेकर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह एवं अन्य को अवमानना का नोटिस जारी किया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव द्वारा ऋषि गोयल की अवमानना याचिका पर पारित किया गया। याचिका में अदालत के 14 जुलाई, 2021 और 8 दिसंबर, 2021 के आदेशों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि इस अदालत ने अपीलीय प्राधिकरण द्वारा जारी ध्वस्तीकरण के नोटिस को 14 जुलाई, 2021 रद्द कर दिया था और प्राधिकरण को अपील की विचारणीयता के सवाल पर निर्णय करने की छूट दी थी। इसके बाद अपीलीय प्राधिकरण ने कहा कि पांच मार्च, 2022 के आदेश खिलाफ अपील विचारणीय है और ध्वस्तीकरण का नोटिस वापस ले लिया गया।
अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता ने उक्त आदेश को फिर से चुनौती दी जिसमें अदालत द्वारा 8 दिसंबर, 2021 को अंतरिम आदेश पारित कर कहा गया कि सुनवाई की अगली तारीख तक यमुना एक्सप्रेसवे के सीईओ द्वारा सात अक्तूबर, 2021 को पारित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी।
अदालत को बताया गया कि अपीलीय प्राधिकरण द्वारा जारी ध्वस्तीकरण के नोटिस को अदालत ने 14 जुलाई, 2021 के आदेश के तहत रद्द कर दिया। इसके बावजूद अधिकारी स्थल पर पहुंचे और 29 मार्च, 2022 को याचिकाकर्ता का निर्माण ध्वस्त कर दिया।
अदालत ने गत शुक्रवार को नोटिस जारी करते हुए कहा, “विपक्षी व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर बताएं कि अदालत के आदेश की अवमानना करने के लिए क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।”
अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 16 अगस्त तय की।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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