नक्सल विरोधी अभियान में नवसृजित ‘फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस’ के आ रहे अच्छे नतीजे: सीआरपीएफ

नयी दिल्ली, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा माओवादी हिंसा प्रभावित दूरस्थ इलाकों में ‘‘ फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस’’ (एफओबी) को स्थापित करने के फैसले का ‘लाभ’ अर्धसैनिक बल को मिल रहा है और हाल में उसे बिहार और झारखंड में दो सफलताएं मिली। यहां कट्टर नक्सलियों को पकड़ने के साथ बड़े पैमाने पर गोलाबारूद जब्त किया गया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहली परिचालन सफलता 13 जून को बिहार के जुमई जिले में मिली, जहां पर तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनकी पहचान बलेश्वर कोडा, नागेश्वर कोडा और अर्जुन कोडा के तौर पर की गई जो राज्य के भीमबंद त्रिसंगम के पास सक्रिय थे।

अधिकारी ने बताया कि हाल में नक्सल प्रभावित इन क्षेत्र में दो एफओबी बनाने के बाद इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में आने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि नक्सल विरोधी अभियानों की चलाई गई श्रृंखला के बाद माओवादियों पर दबाव बढ़ा है।

एफओबी छोटी लेकिन सीआरपीएफ जवानों की मजबूत टुकड़ी होती है, जो प्रभावित में नक्सलियों की आपूर्ति लाइन काटने के लिए कार्य करती है। साथ ही प्रभावित इलाकों में न केवल अभियान चलाती है बल्कि स्थानीय लोगों से संवाद भी करती है।

अधिकारी ने बताया कि गत दो साल में बल ने करीब दो दर्जन एफओबी की स्थापना नक्सल प्रभावित बिहार और झारखंड में की है।उन्होंने बताया कि करीब 26 बटालियनों की तैनाती इन दोनों राज्यों में की गई है जिनमें जंगल में लड़ने में सक्षम चार कोबरा बटालियन भी शामिल है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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