नड्डा 2024 के लोकसभा चुनाव तक भाजपा अध्यक्ष बने रहेंगे, राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने लगाई मुहर

नयी दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा अगले लोकसभा चुनाव तक केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने मंगलवार को सर्वसम्मति से उनके कार्यकाल को जून 2024 तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी।

राजधानी स्थित नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद् (एनडीएमसी) के कन्वेंशन सेंटर में भाजपा की दो दिवसीय कार्यकारिणी बैठक के आखिरी दिन संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नड्डा के कार्यकाल को विस्तार दिए जाने की घोषणा की।

उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नड्डा के कार्यकाल को विस्तार दिए जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। राजनाथ और शाह पूर्व में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

शाह ने कहा, ‘‘कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से राजनाथ सिंह के प्रस्ताव को स्वीकार किया कि जून 2024 तक भाजपा के अध्यक्ष के रूप में नड्डा जी के कार्यकाल को विस्तार दिया जाए।’’

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण भाजपा का सदस्यता अभियान समय पर नहीं हो पाया और जब तक बूथ से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक के चुनाव नहीं हो जाते, तब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनना संवैधानिक रूप से संभव ही नहीं था।

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कई मौकों पर अलग-अलग कारणों से राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल को विस्तार दिया गया है और इसी परंपरा का अनुसरण करते हुए जे पी नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाया गया है।

शाह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के अध्यक्षीय कार्यकाल के विस्तार के निर्णय को लकेर उन्हें हृदयपूर्वक बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में आपने भाजपा को और अधिक सशक्त व व्यापक बनाया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और आपकी अध्यक्षता में पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता अंत्योदय के मंत्र को चरितार्थ कर गरीब कल्याण के लिए और मजबूती से कार्य करेगा।’’

कार्यकाल विस्तार के फैसले के कुछ देर बाद नड्डा ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों का आभार जताया।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हम सभी को मिलकर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दो-तिहाई से अधिक बहुमत से लोकसभा के चुनाव में भाजपा की सरकार बनानी है। ग़रीब कल्याण हमारा संकल्प है। जय हिंद, जय भाजपा।’’

नड्डा ने भाजपा कार्यकर्ताओं को लिखे एक पत्र में कहा कि यह जिम्मेदारी उनके लिए सम्मान का विषय है और वह स्वयं से की गई अपेक्षाओं के प्रति सचेत हैं।

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि उनके जैसे सामान्य कार्यकर्ता को जिस विश्वास के साथ आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी के वर्ष में इतनी बड़ी व महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है, उसे निभाने के लिए उन्हें उनके ‘‘प्रेम, आशीर्वाद और अटूट प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।’’

इससे पहले, संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और जे पी नड्डा की अध्यक्षता में भाजपा 2024 के चुनाव में 2019 से भी बड़े जनादेश के साथ जीत दर्ज करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘और मोदी जी फिर से प्रधानमंत्री बनकर इस देश का नेतृत्व करेंगे, इसका हम सबको भरोसा है।’’

इस प्रस्ताव को पेश किए जाने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह सहित पार्टी के करीब 350 वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इनमें पार्टी शासित 12 राज्यों के मुख्यमंत्री व पांच उपमुख्यमंत्री तथा 35 केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं।

शाह ने कहा कि नड्डा के नेतृत्व में पार्टी ने न सिर्फ अपनी पैठ बढ़ाई, बल्कि अपना प्रसार भी किया और यश भी प्राप्त किया।

उन्होंने कहा, ‘‘इन तीनों क्षेत्रों में नड्डा के योगदान का पार्टी आज अनुमोदन करती है। उसे स्वीकारते हुए उनके कार्यकाल के विस्तार को मंजूरी देती है।’’

उन्होंने कहा कि विजय संकल्प सभा और ‘‘अपना बूथ, सबसे मजबूत’’ अभियान भाजपा के इतिहास में नड्डा की देन के रूप में जाने जाएंगे।

नड्डा का तीन साल का कार्यकाल इसी साल 20 जनवरी को समाप्त हो रहा था। इसके पहले, वह जुलाई 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे। उसके बाद, 20 जनवरी 2020 को उन्होंने पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान संभाली थी।

भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष को लगातार तीन साल के लिए दो कार्यकाल दिए जाने का प्रावधान है।

शाह ने इस दौरान नड्डा के नेतृत्व की भी सराहना की और कहा कि उनकी अध्यक्षता में भाजपा को कई अहम चुनावों में जीत मिली। कोविड महामारी के दौरान ‘सेवा ही संगठन’ अभियान के लिए शाह ने उनकी विशेष प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, ‘‘नड्डा की अध्यक्षता में ही बिहार में भाजपा ने सबसे ज्यादा स्ट्राइक रेट प्राप्त किया, महाराष्ट्र में भी राजग (उस समय शिवसेना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में थी) को बहुमत हासिल हुआ और हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, असम, गोवा तथा गुजरात में भाजपा ने बहुत बड़ी सफलता हासिल की।’’

उन्होंने कहा कि नड्डा की अध्यक्षता में ही बंगाल में भाजपा ने तीन से 77 सीट तक का सफर तय किया और तमिलनाडु व तेलंगाना सहित दक्षिण के राज्यों में भी पार्टी धीरे-धीरे एक ताकत बनकर उभर रही है।

शाह ने कहा कि उत्तर-पूर्व के राज्यों में तो भाजपा की सरकार पहले से थी, लेकिन नड्डा के नेतृत्व में वहां भाजपा के संगठन को जमीनी स्तर तक मजबूत करने में सफलता मिली।

नड्डा से पहले भाजपा के अध्यक्ष रहे शाह ने कहा कि वर्तमान अध्यक्ष का प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता को मतों में परिवर्तित करने और इसके लिए मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने में बहुत बड़ा योगदान रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं और सरकार के कार्यक्रमों, विशेषकर किसान कल्याण के कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने में भी नड्डा ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

शाह ने कहा कि नड्डा की अध्यक्षता में ही 1,30,000 बूथ को मजबूत किया गया, लोकसभा प्रवास योजना बनाकर हर कार्यकर्ता को लोकसभा क्षेत्रों से जोड़ा गया और हर घर तिरंगा अभियान के जरिये भाजपा के हर कार्यकर्ता को जन-जन तक पहुंचाने और उनमें राष्ट्रभक्ति का भाव तथा तिरंगे के प्रति सम्मान जगाने में बेहद अहम भूमिका निभाई गई।

शाह ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण भाजपा का सदस्यता अभियान समय पर हो नहीं पाया और जब तक बूथ से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक के चुनाव नहीं हो जाते, तब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनना संवैधानिक रूप से संभव ही नहीं था।

पूर्व में भी हुए इस प्रकार के फैसलों का हवाला देते उन्होंने कहा, ‘‘परंपरा का अनुसरण करते हुए जे पी नड्डा के कार्यकाल को विस्तार दिया गया है।’’

शाह ने कहा कि देश के सभी राजनीतिक दलों में शायद सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक तरीके से संचालित होने वाला दल अगर कोई है, तो वह भारतीय जनता पार्टी है।

उन्होंने कहा, ‘‘जनसंघ की स्थापना से लेकर आज तक भारतीय जनता पार्टी में हमेशा बूथ से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक के चुनाव समय-समय पर संविधान के अनुकूल होते रहे हैं।’’

मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले नड्डा का जन्म बिहार की राजधानी पटना में दो दिसंबर 1960 को हुआ था।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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