न्यायमूर्ति खानविलकर कड़ी मेहनत करने वाले और अनुशासित न्यायाधीश रहे हैं : प्रधान न्यायाधीश रमण

नयी दिल्ली, प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन.वी. रमण ने शुक्रवार को कहा कि न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर सदा ही कड़ी मेहनत करने वाले और अनुशासित न्यायाधीश रहे हैं।

सीजेआई ने कहा कि उन्होंने न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति खानविलकर के साथ पिछले एक साल में उच्चतर न्यायपालिका में न्यायाधीशों के पद पर नियुक्ति के लिए 250 से अधिक नामों को मंजूरी दी।

उल्लेखनीय है कि वे तीनों शीर्ष न्यायालय के कॉलेजियम का हिस्सा हैं।

न्यायमूर्ति खानविलकर को विदाई देने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘सभी न्यायाधीश मेरे भाई हैं। ’’

न्यायमूर्ति खानविलकर शीर्ष न्यायालय में छह साल से अधिक समय के कार्यकाल के बाद शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए।

उनकी सेवानिवृत्ति के साथ शीर्ष न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या घट कर 31 रह गई है, जबकि मंजूर पदों की संख्या 34 है।

सीजेआई ने बताया कि न्यायमूर्ति ,खानविलकर ने शीर्ष न्यायालय में 187 से अधिक फैसले लिखे और करीब 8,446 मामलों का निस्तारण किया।

उन्होंने कहा, ‘‘काम के प्रति उनकी निष्ठा को हम सभी स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन बनाम भारत संघ मामले में संविधान पीठ का हिस्सा रहे थे जिसने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि का खुलासा करने का प्रावधान अनिवार्य किया था।’’

सीजेआई ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद न्यायमूर्ति खानविलकर नियमित रूप से सुनवाई किया करते थे।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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