न्यायालय को उम्मीद, ओडिशा में आंदोलनकारी वकीलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी बीसीआई

नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने ओडिशा के कुछ जिलों में बार संघों के सदस्यों के आंदोलन पर सोमवार को नाखुशी जताते हुए कहा कि उसे उम्मीद है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) इस मामले में लाइसेंस निलंबित करने समेत उचित कार्रवाई करेगी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि आंदोलनकारी वकीलों को काम बहाल करना होगा। उसने कहा कि प्रदर्शन का एक मुद्दा पश्चिम ओडिशा में उड़ीसा उच्च न्यायालय की स्थायी पीठ की स्थापना की मांग है, लेकिन उच्च न्यायालय की पीठों को हर जगह स्थापित नहीं किया जा सकता।

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति ए एस ओका की पीठ ने कहा, ‘‘प्रमुख मुद्दा क्या है? हर जिला उच्च न्यायालय की पीठ चाहता है? आपके यहां जिला स्तरीय अदालत हो सकती है लेकिन आपके नजदीक कोई उच्च न्यायालय नहीं हो सकता।’’

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं हो सकता। ओडिशा इतना बड़ा राज्य नहीं है।’’

न्यायालय उड़ीसा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की अर्जी पर सुनवाई कर रहा था जिन्होंने कहा है कि अनेक जिलों में बार संघों के सदस्यों द्वारा काम से गैरहाजिर रहने से राज्य की निचली अदालतों में न्यायिक कामकाज प्रभावित हुआ है।

उसने 14 नवंबर को बार संघों के आंदोलनकारी सदस्यों से 16 नवंबर तक काम बहाल करने को कहा था।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://en.wikipedia.org/wiki/Bar_Council_of_India#/media/File:Logo_of_Bar_Council_of_India.png

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