पंजाब में निकाय चुनावों में कांग्रेस की जबरदस्त जीत

चंडीगढ़, पंजाब के सात नगर निगमों में से छह में प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने जीत हासिल की है और वह सातवें नगर निगम में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। इसके अलावा पार्टी ने 109 नगर परिषद एवं नगर पंचायतों में भी अधिकतर पर जीत प्राप्त की है और इस तरह उसने शहरी निकाय के चुनावों में विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया है।

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में नगर निगमों के प्रदेश में हुये चुनाव में कांग्रेस ने बठिंडा, होशियारपुर, कपूरथला, अबोहर, बटाला एवं पठानकोट में जबरदस्त जीत दर्ज की है। मोगा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और बहुमत से वह छह सीट पीछे रह गयी है।

विपक्ष को 109 नगर परिषद एवं नगर पंचायतों में भी अधिकतर सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। इस स्तर पर 1,817 वार्ड में से कांग्रेस ने 1,102 वार्ड पर जीत हासिल की। शिअद ने 252, आप ने 51, भाजपा ने 29 और बसपा ने पांच सीटें जीतीं। इसके अलावा 374 निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे।

मोहाली में भी चुनाव हुए थे, लेकिन इस नगर निगम के लिए मतगणना बृहस्पतिवार को होगी। यहां दो मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान के कारण मतगणना में देरी हुई।

यह चुनाव परिणाम केंद्र की भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार के खिलाफ कांग्रेस का मनोबल बढ़ाने वाला है। किसान केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और कांग्रेस उन्हें समर्थन दे रही है। आंदोलन करने वाले अधिकतर किसान पंजाब एवं हरियाणा से हैं ।

कांग्रेस की नजर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में जीत पर भी है जो अगले साल की शुरूआत में होने वाला है।

पंजाब में निकाय चुनावों में कांग्रेस की जीत से उत्साहित पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बुधवार को कहा कि लोगों ने विपक्ष की “नकारात्मक राजनीति” को खारिज किया और सत्ताधारी दल के विकासवादी एजेंडे का समर्थन किया। उन्होंने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में लोगों से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को एक और मौका देने की अपील की।

नतीजों की घोषणा के कुछ समय बाद जब यह साफ हो गया कि कांग्रेस ने निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जाखड़ ने “2022 के लिये कैप्टन” की घोषणा की।

जाखड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं ‘2022 के लिये कैप्टन’ अभियान शुरू करना चाहूंगा। भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र द्वारा जब पंजाब के साथ भेदभाव किया जा रहा है तब इस मुश्किल वक्त में सिर्फ वही राज्य के नैया को मझधार से निकाल सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “लोगों ने अपना फतवा दे दिया है और अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में फिर से अपना भरोसा जताया है। संदेश स्पष्ट है। इस जीत का श्रेय पंजाब के लोगों और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कुशल नेतृत्व को जाता है।”

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “लोगों ने नकारात्मक राजनीति को खारिज किया और हमारे विकासवादी एजेंडे के समर्थन में मतदान किया।”

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ ही विधायकों, सदस्यों और कार्यकर्ताओं को इस शानदार प्रदर्शन के लिये बधाई देते हुए कहा, “राज्य के लोगों ने स्पष्ट रूप से एक सुर में इन तीनों दलों के विभाजक, अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और प्रतिगामी एजेंडे की निंदा की है।”

सिंह ने लोगों को “ पंजाब और उसके भविष्य को बर्बाद करने निकली नकारात्मक और बुरी शक्तियों” को हराने के लिये बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने यहां एक बयान में आरोप लगाया, “नए कृषि कानूनों के बनने के बाद से पंजाब में हुए पहले प्रमुख चुनावों ने भाजपा को लेकर लोगों के गुस्से को भी सामने ला दिया है जो अपनी पूर्व सहयोगी शिअद, तथा दिल्ली में सत्तारूढ़ आप के साथ मिलकर इस किसान विरोधी कानून के लिये जिम्मेदार है।”

उन्होंने कहा, “इन सभी दलों ने बेशर्मी से किसानों के अधिकारों को कुचला और इनका स्पष्ट मकसद पंजाब को बर्बाद करना है।”

सिंह ने दावा किया कि किसानों के लिये उसके बाद शिअद और आप का नाटक व घड़ियाली आंसू मतदाताओं को बेवकूफ नहीं बना पाए जिन्होंने इन दलों की सियासी नौटंकी देख रखी थी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “शिरोमणि अकाली दल (शिअद), आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस के आंकड़ों के पास भी नहीं आ पाए और कुछ वार्डों में वे निर्दलीयों से भी पीछे हैं, पंजाब के शहरी मतदाताओं द्वारा अच्छे शासन और प्रगति के लिये किये गये इस मतदान से स्पष्ट है कि वे उनकी घृणित राजनीतिक विचारधाराओं की उपेक्षा करते हैं। ”

मोगा में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला है और ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन महत्वपूर्ण होगा ।

कांग्रेस मोगा नगर निगम के 50 वार्डों में से 20 में जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनी है । इसके बाद यहां शिरोमणि अकाली दल ने 15 जबकि आम आदमी पार्टी ने चार वार्डों में जीत हासिल की है । भारतीय जनता पार्टी को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा है। यहां दस निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं ।

प्रदेश के आठ नगर निगमों एवं 109 नगर परिषदों के लिये कराये गये चुनाव में कुल 9,222 उम्मीदवार मैदान में थे ।

प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इन चुनावों के लिये 2,037 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे । वहीं, शिअद ने 1,569, भाजपा ने 1,003, आप ने 1,606 तथा बसपा ने 160 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे । इन चुनावों के लिये 2,832 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे ।

कृषि कानूनों के मसले पर पिछले साल शिअद ने भाजपा की अगुवाई वाली राजग से नाता तोड़ लिया था । दोनों दल इस चुनाव में अकेले लड़े थे ।

स्थानीय निकायों के लिये प्रदेश में 14 फरवरी को मतदान कराया गया था जिसमें 70 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।

पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि बठिंडा को 53 साल में पहला कांग्रेस का महापौर मिलेगा।

भाजपा राज्य इकाई के प्रमुख अश्विनी शर्मा ने कहा, ‘‘चुनाव में आधिकारिक तंत्र का दुरुपयोग किया गया और इसलिए ये चुनाव परिणाम कांग्रेस की पूर्ण नैतिक हार को प्रतिबिम्बित करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘24 से अधिक स्थानों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हिंसा की और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया और कहा कि वह ‘‘भ्रष्ट एवं अयोग्य कांग्रेस’’ को चुनौती देने वाली एकमात्र पार्टी बनकर उभरी।

आप नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य में पहली बार निकाय चुनाव लड़ा और वह अपने प्रदर्शन का आकलन करेगी।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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