पिछले नौ साल में विमान यात्रियों की संख्या 14 करोड़ हुई, 2030 तक 42 करोड़ होने का अनुमान: सरकार

नयी दिल्ली, सरकार ने बृहस्पतिवार को लोकसभा को बताया कि पिछले नौ वर्ष में विमान यात्रियों की संख्या बढ़कर 14 करोड़ हो गयी है और 2023 तक यह आंकड़ा तीन गुना बढ़कर 42 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।

             नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विमान किरायों में जारी वृद्धि को लेकर प्रश्नकाल के दौरान बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सांसद संगीता आजाद द्वारा पूछे गये एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।

             सिंधिया ने कहा कि 2014 के बाद नौ साल में विमान यात्रियों की संख्या छह करोड़ से बढ़कर 14 करोड़ हो गयी है जो 2030 तक तीन गुना बढ़ोतरी के साथ 42 करोड़ पहुंच जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि विमान यात्रियों की संख्या में इस बढ़ोतरी में ‘उड़ान’ योजना भी कारगर साबित हो रही है।

             उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 76 हवाई अड्डों से उड़ानें शुरू की गयी हैं और आंकड़े बताते हैं कि छोटी सी अवधि में एक करोड़ 30 लाख लोग ‘उड़ान’ योजना के तहत हवाई यात्रा कर चुके हैं।

             सरकार द्वारा पूर्ण रूप से नियंत्रित विमानन कंपनी शुरू करने की सरकार की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार ने देश को नये नागर विमानन युग में ले जाने के संकल्प के साथ एयर इंडिया का विनिवेश किया है और इसके साथ ही यह देखने को मिला है कि एयर इंडिया में पहले 400 विमानों का बेड़ा था, लेकिन विनिवेश होने के साथ इस विमानन कंपनी ने एक साथ 470 विमानों की खरीद के लिए करार किया है और इसका फायदा देश के विमान यात्रियों को निश्चित ही मिलेगा।

             उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और श्राबस्ती हवाईअड्डों सहित विभिन्न हवाई अड्डों की लाइसेंसिंग की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही यहां से उड़ानें शुरू हो जाएंगी।

             आईयूएमएल के सांसद ई. टी. बशीर मोहम्मद ने सरकार से पूछा कि क्या वह छुट्टियों और त्योहारों के मौसम में विमान किरायों में बेतहाशा बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए हस्तक्षेप करेगी? इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमें नागरिक उड्डयन क्षेत्र की स्थिति को समझना होगा। यह ‘सीजनल सेक्टर’ है। यह (मौसम में किराया बढ़ना) केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक घटना है और इसकी एक वजह यह भी यह है कि विमानन कंपनियां गैर-मौसमी अवधि में घाटे में चलती हैं।’’

            कांग्रेस के के. सुरेश ने पश्चिम एशिया के देशों में कार्यरत केरल के प्रवासी नागरिकों द्वारा छुट्टियों और त्योहारों के दौरान 10 गुना अधिक किराये का भुगतान करने के लिए बाध्य होने का मुद्दा उठाया और इसे नियंत्रित करने की सरकार से मांग की।

             इस पर सिंधिया ने कहा कि सरकार ने विमानन कंपनियों से इन देशों के लिए उड़ान की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया है और यदि ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर किराये में बढ़ोतरी पर रोक लगेगी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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